महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेताओं का फोन टैपिंग करने का मामला सामने आया है। फोन टैपिंग को लेकर की उद्धव सरकार ने मुंबई साइबर सेल को मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को कहा कि राज्य की पिछली सरकार में राष्ट्रवादी पार्टी के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता संजय राउत जैसे नेताओं के फोन टैप किए जा रहे थे।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने यह भी कहा है कि पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यह जांच इसलिए की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या पिछली सरकार ने अन्य दलों के नेताओं पर नजर रखने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल तो नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव के बाद तीन दलों के बीच जब सरकार बनाने की बातचीत चल रही थी तब नेताओं के फोन निगरानी में थे। वहीं राज्य में पांच साल तक शिवसेना के साथ सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी ने फोन टैपिंग के आरोपों से इनकार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्षी नेताओं का फोन टैपिंग महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है। हमारे सरकार ने ऐसा आदेश कभी नहीं दिया। वर्तमान सरकार किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए स्वतंत्र है।
वही पार्टी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुंगतीवार ने कहा कि उनकी सरकार में ऐसा कोई फोन टैपिंग नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले सरकीर में गृह राज्य मंत्री (दीपक केसरकर) शिवसेना के थे। अगर ऐसा किया जा रहा था तो उन्होंने चुप्पी क्यों साध रखी। वहीं केसरकर ने एक मराठी चैनल को बताया कि उन्हें सीमित प्रभार दिया गया था, उन्हें इस संबंध में कोई आदेश दिए जाने की जानकारी नहीं थी। वहीं कांग्रेस वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि फोन टैपिंग में पिछली सरकार के कुछ सीनियर अधिकारी शामिल थे। यहां तक की उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने टैपिंग के लिए इजराइल फर्म से सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए डील की थी। इसके अलावा शुक्रवार शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘आपका फोन टैप किया जा रहा है। यह बात मुझे पहले ही बीजेपी के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताई थी। तब मैंने उनसे कहा कि जो कोई भी मेरी बातचीत सुनना चाहता है, वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है। मैं बालासाहेब ठाकरे का शिष्य हूं। मैं कुछ भी गलत नहीं करता हूं। गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, साइबर सेल और खुफिया विभाग के कुछ पुलिस अधिकारियों से इस संबंध में पूछताछ की जा सकती है।