Breaking News

फिर होगा गहलोत और पायलट का मिलन, जादूगर ने खोले पार्टी के दरवाजे मगर रख दी ये शर्त

राजस्थान के सियासी संघर्ष के बीच आज राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट (SACHIN PILOT) के गुट को लेकर सुनावाई होनी है। लिहाजा इस सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। सभी में इस बात को लेकर आतुरता अपने चरम पर है कि आखिर आज कोर्ट सचिन पायलट के गुट द्वारा दाखिल की गई याचिका पर क्या सुनवाई करती है। मालूम को बीते दिनों विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी द्वारा जारी किए गए नोटिस के विरोध में सचिन पायलट के गुट  ने हाईकोर्ट का रूख किया है, जहां पर आज इस मसले को लेकर सुनवाई होनी है। उधर,  इससे पर स्पीकर राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रूख कर चुके हैं।

इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न एक मर्तबा फिर से सचिन पायलट के संदर्भ में बयान जारी कर कहा कि सचिन पायलट अगर विश्वास दिखाते हैं, तो पार्टी उनक स्वागत करेगी। फिलहल तो सचिन पायलट को लेकर क्या फैसला करना है, यह तो पार्टी हाईकमान ही तय करेगी, लेकिन यदि वे पार्टी में विश्वास दोहराते हैं, तो मैं उनका व्यक्तिगत तौर पर स्वागत करूंगा। बता देंं कि यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब उन्होंने सचिन पालयट के लिए कांग्रेस के दरवाजे खोले हैं बल्कि इससे पहले भी उन्होंने  इस बात का जिक्र करते हुए कहा था कि यदि पायलट पर  विश्वास जताती है तो मैं उनका स्वागत करूंगा। अब ऐसे में यह तो फिलहाल देखने वाली बात होगी कि सचिन आगामी दिनों में क्या कदम उठाते हैं। बहरहाल, पार्टी  में बढ़ती उलझने के बीच सचिन इस बात को पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे है। फिलहाल तो कांग्रेस में ही बने हुए हैं।

हमारी सरकार महफूज है
इसके साथ ही लगातार सरकार पर मंडराते  खतरे को मद्देनजर रखते हुए अशोक गहलोत ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार बिल्कुल महफूज है। उन्हें कोई खतरा नहीं है। बहरहाल, सरकार पर जो कमोबेश हालिया खतरा भी है, वो सरकारी कामकाज की विफलता का नतीजा नहीं बल्कि पार्टी के एक गुट के अति महात्वकांक्षी का नतीजा है। राजस्थान में पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त है, इसलिए हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

बुलाया जा सकता है विधानसभा सत्र 
उधर, बताया जा रहा है कि आगामी सोमवार को प्रदेश में विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। जिसके बाद शक्ति परिक्षण करवाया जा सकता है। फिलहाल अशोक के रूख से साफ है कि वो अपनी सरकार की मौजूदा संकट को टालने में नजर आ रहे हैं।