दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में पंचायत का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस पंचायत में एक तुगलकी फरमान सुनाया गया, जिसमें दो युवकों को सजा के तौर पर जूते की माला पहनाई गई. इतना ही नही युवकों को पीटा गया और उनके गले में जूते-चप्पलों की माला डालकर घुमाया गया. जब पंचायत को जब यह सजा भी कम लगी तो दोनों युवकों के परिवारों को समाज से हुक्का-पानी बंद करने की धमकी भी दी गई. दादरी कस्बे के नई आबादी क़िदवई नगर मोहल्ले में तीन मई को एक पंचायत बुलाई गई. पंचायत के सामने दो लड़के और उनके मां-बाप पेश किए गए. इन सबको आरोपी बनाकर जमीन पर बैठाया गया और इसके बाद इनके खिलाफ पंचायत ने बाकायदा मुक़दमे की सुनवाई शुरू की.
इल्जाम यह था कि लड़कों ने पड़ोस में रहने वाली लड़की की फोटो को एडिट कर ग्रुप में अपने साथियों को भेजा है. मामला खुला तो लड़की के परिजनों ने पंचायत बुला ली. लड़कों को देश के कानून की तहत सज़ा दिलाने की बजाए पंचायत में चंद लोग खुद कानून और जज बन बैठे. हैरानी की बात यह है कि इस पंचायत का सरपंच खुद एक शिक्षक है, जिनकी जिम्मेदारी लोगों को शिक्षित करने की है. सरपंच दादरी कस्बे के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं, इनका नाम लइक अहमद है. लेकिन इस स्कूल के मास्टर जी खुद ही कानून तोड़कर पुलिस और जज बन गए और अदालत लगा दी.
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की
पंचायत में जुनून की सारी हदें पार कर दी गई ना तो आरोपियों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया ना ही उनकी कोई सुनवाई हुई. सीधे उनको जूते की माला पहनाने का फरमान जारी कर दिया गया. कथित आरोपी लड़के बार-बार कहते रहे कि उनके पास और फोटो नहीं हैं, फिर भी पंचायत को संतुष्टि नहीं हुई तो लाठी से उनके साथ मारपीट की गई. ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त राजेश सिंह ने कहा कि वायरल किए गए वीडियो की जांच की जा रही है इस मामले में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.