बिहार की राजनीति को झटके में पलटने का दमखम रखने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कई महीनों बाद एक बार फिर चर्चाओं में हैं. हाल ही में एक ट्वीट के जरिए उन्होंने राज्य के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला है. दरअसल सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेने वाले नीतीश पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, उन्हें भाजपा ने इस पद पर ‘मनोनीत’ किया है. इसलिए बिहार निवासियों को कुछ और सालों तक ‘एक थके हुए और राजनीतिक रूप से महत्व न रखने वाले नेता’ के प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर कभी नीतीश कुमार के सबसे बड़े करीबी और राजनीतिक सलाहकार के रूप में जाने जाते थे. उन्हें जेडीयू पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था. लेकिन आए दिन उनके बेबाक बयान और पार्टी के खिलाफ विरोधाभासी विचार के चलते नीतीश के साथ प्रशांत के रिश्ते बिगड़ गए, और एक ऐसा दौर भी आया जब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
प्रशांत किशोर का ट्वीट
बिहार की सरकार में फिर से सीएम पद की कुर्सी संभाल चुके नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को लेकर एक बार फिर प्रशांत किशोर उन पर हमलावर दिखे. उन्होंने इसके लिए बकायदा एक ट्वीट भी किया है. प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, ‘भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार को बधाई. मुख्यमंत्री के रूप में एक थके और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हुए नेता के साथ बिहार को कुछ और सालों के लिए प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए.’ बता दें कि अक्सर सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले प्रशांत किशोर का बीते चार महीने में ये पहला ट्वीट है, जो उन्होंने नीतीश के खिलाफ किया है.
भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर @NitishKumar जी को बधाई।
With a tired and politically belittled leader as CM, #Bihar should brace for few more years of lacklustre governance.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) November 16, 2020
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, बीते दिन शाम 4 बजे नीतीश कुमार ने 7वीं बार बिहार के सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण किया हैं. इस शपथ के बाद नीतीश बिहार में सबसे ज्यादा सीएम के तौर पर राज करने वाले पहले शख्स भी बन गए है. इससे पहले लंबे अरसे तक मुख्यमंत्री का पद संभालने का इतिहास श्रीकृष्ण सिंह के नाम दर्ज था. जिन्होंने आजादी से पहले से ही 1961 में यानी निधन तक सीएम के पद पर राज किया था.
बात करें नीतीश सरकार की तो साल 2000 में उन्होंने पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद बहुमत हासिल नहीं हुआ तो उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद साल 2005 से अब तक वो बिहार के सीएम ही हैं. हालांकि बीच में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा जरूर दे दिया था. लेकिन इसके बाद उन्होंने कुछ महीनों बाद सीएम की कुर्सी पर वापसी कर ली थी.