पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू के हाथो में ही रहेगी, इस पर फैसला आज हो जाएगा। इससे पहले कल गुरुवार को इसे लेकर पूरे दिन गहमागहमी बनी रही। सिद्धू ने गुरुवार को हरीश रावत और के सी वेणुगोपाल के साथ बैठक की। इशारों इशारों में बात भी पक्की हो गई, कि सिद्धू ही पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहेंगे। इसके संकेत खुद सिद्धू ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर दे दिया। उन्होंने कहा-पंजाब और पंजाब कांग्रेस के प्रति अपनी चिंताएं मैंने पार्टी आलाकमान को बता दी हैं, मुझे राहुल जी, प्रियंका जी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है. वो जो भी निर्णय लेंगे, वो पंजाब और पंजाब कांग्रेस की बेहतरी के लिए होगा. मैं उस आदेश का पूरी तरह पालन करने को तैयार हूं।
सिद्धू के इस बयान के बाद अब बस कांग्रेस आलाकमान के ऐलान की देर है। इस ऐलान के साथ पंजाब कांग्रेस में पिछले महीनों से जारी अंदरूनी घमासान खत्म होने के आसार हैं। सूत्रों का कहना है कि 24 अकबर रोड़ (कांग्रेस मुख्यालय) पर करीब सवा घंटे तक चली बैठक में पंजाब सरकार और संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई तथा सहमति बनाने का प्रयास हुआ ताकि चुनाव से पहले पूरी पार्टी एकजुट होकर मैदान में उतर सके। सूत्रों ने यह भी बताया कि फिलहाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में बदलाव के आसार कम हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव में कुछ महीने का समय रह गया है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान सिद्धू के इस्तीफे को लेकर उनके और पार्टी दोनों के लिहाज से कोई सम्मानजनक फैसला कर सकता है।
बैठक के बाद रावत ने कहा, ‘‘सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी जी बातचीत कर चुके हैं। कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनमें समय लगता हैकांग्रेस अध्यक्ष का फैसला सबको स्वीकार होगा।’’ उन्होंने कहा कि जब सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था तो उस वक्त उनसे कहा गया था कि वह संगठन को मजबूत करें। सिद्धू ने कहा, ‘‘मैंने पंजाब और पंजाबियों से जुड़ी चिंताओं से पार्टी आलाकमान को अवगत कराया है। मुझे कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी में पूरा विश्वास है। वो जो भी फैसला करेंगे, वो कांग्रेस और पंजाब के हित में होगा। मैं उनके निर्देशों का पालन करूंगा।’’
उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे। उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘‘किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं।’’ कांग्रेस आलाकमान ने अब तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस दौरान यह भी चर्चा थी कि सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी की कार्यशैली को लेकर भी खुश नहीं हैं, हालांकि कांग्रेस के सूत्र इससे इनकार करते हैं।