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धारा 370 हटने से फायदा नहीं, अब भी मर रहे कश्मीरी पंडित- संजय राउत

शिवसेना के नेता संजय राउत इस समय केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने इस बार कश्मीर मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. संजय राउत ने कहा कि जब भी कोई कश्मीरी पंडित मरता है तो बीजेपी उसका राजनीतिक इस्तेमाल करती है. धारा 370 के हटने से किसी को फायदा नहीं हुआ. पंजाब में फिर से खालिस्तान के नारे की घटना जो सामने आती है वो भी देश के लिए ठीक नहीं है. इसमें केवल राज्य की ही नहीं बल्कि केंद्र की भी जिम्मेदारी है.

वहीं उपचुनाव में कांग्रेस की जीत पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि कसबा पेठ उपचुनाव में महा विकास आघाड़ी की जीत सिर्फ एक झांकी है और एमवीए सहयोगी अगर एकजुट होकर चुनाव लड़ें तो अगले साल महाराष्ट्र में 200 से अधिक विधानसभा और 40 लोकसभा सीट जीत सकते हैं.

बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस ने लगाई सेंध
एमवीए में संजय राउत की पार्टी के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं. महाराष्ट्र में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. उसी साल लोकसभा चुनाव भी होंगे. राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने पुणे में यह बात कही, जहां उन्होंने लगभग तीन दशक से बीजेपी का गढ़ रहे कसबा पेठ में पार्टी के हेमंत रसाने को हराने वाले नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर से मुलाकात की.

उपचुनाव में सत्ताधारी पार्टी को करारा झटका दिया- संजय राउत
संजय राउत ने पत्रकारों से कहा, कसबा पेठ के समझदार मतदाताओं ने सत्ताधारी पार्टी को करारा झटका दिया है. उन्होंने यहां मतदाताओं को खरीदने की कोशिश की, लेकिन ऐसा करने में असफल रहे. उन्होंने कहा, कसबा झांकी है, महाराष्ट्र बाकी है’. उन्होंने कहा कि एमवीए की जीत राज्य के राजनीतिक भविष्य का सूचक है. पुणे जिले के कसबा पेठ और चिंचवड में 26 फरवरी को क्रमश: भाजपा विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन के कारण उपचुनाव हुए थे.

MVA के सहयोगियों को मिलकर लड़ना होगा चुनाव
बीते गुरुवार को घोषित उपचुनाव परिणाम में कसबा पेठ सीट कांग्रेस ने जीती, जबकि चिंचवड सीट पर दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप की पत्नी व भाजपा उम्मीदवार अश्विनी जगताप ने राकांपा के विठ्ठल उर्फ ​​नाना काते को हरा दिया. राउत ने कहा कि एमवीए के शीर्ष नेता विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एमवीए सहयोगी यदि एक साथ चुनाव लड़ते हैं तो अगले साल 200 से अधिक विधानसभा और 40 लोकसभा सीट जीत सकते हैं.