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दुश्मन देशों की अब खैर नहीं, 84 हजार करोड़ के हथियार खरीदेगा भारत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defense Acquisition Council (DAC)) की बैठक में अब तक के सबसे बड़े 84 हजार करोड़ रुपये के रक्षा सौदों (Defense deals worth Rs 84 thousand crore) को एकमुश्त मंजूरी दी। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इनमें से 82 हजार करोड़ रुपये की खरीद देश में ही की जाएगी। रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गुरुवार को रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीनों सेनाओं को भावी युद्ध संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए 24 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इनमें से छह थल सेना, छह वायुसेना तथा 10 नौसेना के हैं। भारतीय तटरक्षक बल के लिए भी दो सौदों को मंजूरी प्रदान की गई। इन सभी रक्षा सौदों का मूल्य 84,328 करोड़ रुपये है। इनमें से 82127 करोड़ की खरीद देश में निर्मित होगी। यानी कुल खरीद का 97.4 फीसदी सामान देश में ही तैयार किया जाएगा। इससे न सिर्फ देश की सेनाएं मजबूत होंगी बल्कि भारतीय रक्षा उद्योगों को मजबूती मिलेगी।

जिन महत्वपूर्ण रक्षा सौदों को आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) दी गई, वह भारतीय सेना को भविष्य के इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, लाइट टैंक्स और माउंटेड गन सिस्टम जैसे प्लेटफार्म और उपकरणों से लैस करेगी। इससे भारतीय सेना की संचालनात्मक तैयारियों में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। अनुमोदित प्रस्तावों में हमारे सैनिकों के लिए बढ़े हुए सुरक्षा स्तर के साथ बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है।

बयान के अनुसार, नौसेना पोत-रोधी मिसाइल, बहुउद्देश्यीय जलयान और हाई इन्डूरेंस ऑटोनोम्स व्हीक्लस की खरीद के लिए अनुमोदन किया गया है जो भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ावा देते हुए देश की समुद्री ताकत को और बढ़ाएगा। दूसरी तरफ भारतीय वायु सेना को मिसाइल प्रणाली की नई रेंज, लंबी दूरी के गाइडेड बम, पारंपरिक बमों के लिए रेंज ऑग्मेंटेशन किट और उन्नत निगरानी प्रणालियों को शामिल करके बढ़ी हुई घातक क्षमताओं के साथ और मजबूत किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारतीय तटरक्षक बल के लिए अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती पोतों की खरीद से तटीय क्षेत्रों में निगरानी क्षमता नई ऊंचाइयों तक बढ़ेगी।

लखनऊ में मल्टी-स्पेशलिटी कमांड अस्पताल बनेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के लिए लखनऊ में एक आधुनिक मल्टी-स्पेशलिटी कमांड अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी। कमांड अस्पताल एक ग्रीन फील्ड बहुमंजिला अस्पताल होगा, जिसमें 780 बेड की सुविधा होगी। संकट के समय 100 बेड बढ़ाए भी जा सकेंगे।

मौजूदा कमांड अस्पताल लखनऊ सशस्त्र बलों के सबसे व्यस्त अस्पतालों में से एक है जो 22 सैन्य अस्पतालों, दो वायु सेना अस्पतालों और 109 पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लिनिकों के लिए एक तृतीयक देखभाल रेफरल अस्पताल है। यह मध्य भारत के साथ-साथ नेपाल के छह राज्यों के 3.5 लाख से अधिक कर्मियों को सेवा प्रदान करता है। अस्पताल में नियमित आधार पर लगभग 2,000 ओपीडी रोगी और 40-50 आपात स्थिति में आते हैं। अस्पताल में हमेशा 80 फीसदी से अधिक बेड मरीजों से भरे होते हैं।

मौजूदा अस्पताल में मरीजों के भार को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्री ने 496.94 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के लिए एक विशेष परियोजना को मंजूरी दी। मध्य भारत में आधुनिक मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल के निर्माण से सशस्त्र बलों को सहायता मिलेगी।