मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के 8,84, 225 पंचायत प्रतिनिधियों पर सौगातों की बारिश की है। उन्होंने ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के मानदेय की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। सभी पंचायतों के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार भी बढ़ाया गया है। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि ग्राम प्रधानों का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 42,478 ग्राम पंचायत भवनों का उद्घाटन और 58,189 ग्राम सचिवालयों और पंचायत पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि अब पंचायतों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट गांव बनाया जाना चाहिए। राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए पुरस्कृत करेगी। मानदेय बढ़ाने का फैसला कैबिनेट पहले ही ले चुकी है। सीएम योगी ने सवा लाख पंचायत प्रतिनिधियों के समारोह में घोषणाएं करते हुए कहा कि अगर केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार के साथ पंचायतों की ट्रिपल इंजन सरकार विकास में भागीदार बन जाए तो फिर कोई भी शक्ति उत्तर प्रदेश को देश की नंबर वन अर्थव्यवस्था बनने से नहीं रोक सकती है। इसके लिए पंचायतों को आगे आना होगा और राज्य सरकार का साथ देना होगा।
इतनी बढ़ी मानदेय की राशि
1- ग्राम प्रधान 3500 से बढ़ा कर 5000 रुपये प्रति महीना।
2- प्रमुख क्षेत्र पंचायत- 9800 से बढ़ा कर 11,300 रुपये प्रति महीना।
3- अध्यक्ष, जिला पंचायत 14,000 से बढ़ाकर 15,500 रुपये प्रति महीना।
4- जिला पंचायत सदस्य का 1000 प्रति बैठक से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति बैठक साल में (अधिकतम 6 बैठक)।
5-क्षेत्र पंचायत सदस्य का 500 प्रति बैठक से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बैठक साल में (अधिकतम 6 बैठक)।
6-सदस्य, ग्राम पंचायत का पहले कोई मानदेय नहीं था। अब 100 रुपये प्रति बैठक का प्राविधान किया गया है साल में (अधिकतम 12 बैठक)
मानदेय की धनराशि राज्य स्तर पर पृथक्कर शेष राज्य वित्त आयोग की राशि का वितरण ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के मध्य किया जाएगा। मानदेय की धनराशि आवश्यकतानुसार पंचायतों को अवमुक्त की जाएगी।
प्रधानों के वित्तीय अधिकार में भी बढ़ोतरी
ज्ञात हो कि मनरेगा में भुगतान के लिए प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर लगेंगे। इसके अलावा जिला पंचायत और ग्राम पंचायत में अन्य विभागों के जेई से एस्टीमेट्स और पर्यवेक्षण का कार्य हो सकता है। सरकार ने वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी करते हुए जिला पंचायतों के लिए वर्तमान 10 लाख रुपये की सीमा से बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया है। परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के वित्तीय, प्रशासनिक एवं तकनीकी अधिकारों में वृद्धि करते हुए प्रति कार्य 2 लाख रुपए की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया है। सदस्य, ग्राम पंचायत का पहले कोई मानदेय नहीं था। जिसे अब 100 रुपये प्रति बैठक का प्राविधान किया गया है। साल में अधिकतम 12 बैठक करनी होंगी। भौगोलिक रूप से सीमावर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15 हजार क्लस्टर बनाए गए हैं।