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चुनाव आयोग की सरकार से अपील, एक से ज्‍यादा सीटों पर चुनाव लड़ना बैन करें या लगाएं जुर्माना

करीब दो दशक पुराने प्रस्ताव को पुनर्जीवित (revived) करते हुए चुनाव आयोग (election Commission) ने लोगों को एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून में संशोधन करने पर जोर दिया है और कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो उनपर भारी जुर्माना (Fine) लगाया जाना चाहिए।

साल 2004 में पहली बार यह प्रस्ताव सामने आया था। हाल ही में कानून मंत्रालय में विधायी सचिव के साथ बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस सुधार पर जोर दिया। विधायी विभाग, चुनाव आयोग से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी है।

बता दें कि आज के चुनावी कानून के मुताबिक, एक उम्मीदवार को आम चुनाव (General election) या उपचुनाव या द्विवार्षिक चुनावों में दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों (constituencies) से चुनाव लड़ने की अनुमति है। अगर एक व्यक्ति एक से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करता है तो उसे दोनों में से एक सीट पर प्रतिनिधित्व करना होगा जहां से जीत मिली है।

साल 1966 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन (amendment to the act) किया गया था ताकि किसी व्यक्ति को दो से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने से रोका जा सके। संशोधन से पहले निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या पर कोई रोक नहीं थी।

चुनावी पैनल ने 2004 में जनप्रतिनिधि अधिनियम(Representation of the People Act) की कुछ धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव न लड़ सके।

अधिकारी ने उस प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा, हालांकि अगर मौजूदा प्रावधानों को बरकरार रखा जाना है तो दो सीटों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को उस सीट के लिए उपचुनाव का खर्च वहन करना चाहिए जिसे उम्मीदवार दोनों पर जीत हासिल करने की स्थिति में खाली करने का फैसला करता है।