अमेरिका (America) और चीन (China) के रिश्तों में हमेशा से ही तनाव देखा गया है. दोनों देशों के बीच शीत युद्ध चल रहा है जो कोरोना वायरस के बाद से ज्यादा बढ़ गया है. कई बार अमेरिका ने चीन पर कोरोना को लेकर गंभीर आरोप भी लगाए हैं जिन्हें चीन की तरफ से खारिज कर दिया गया है. ऐसा दावा किया जाता है कि, चीन से ही पूरी दुनिया में कोरोना का संक्रमण फैला है और इस महामारी ने सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका में मचाई है. एक तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को हराना चाहते हैं तो दूसरी तरफ ट्रंप चीन को अलग-थलग करने में जुटे हुए हैं. अब अमेरिका ने चीन के खिलाफ 3 बड़े कदम उठाए हैं जिनसे चीन को बड़ा झटका लग सकता है और इसमें भारत भी अमेरिका का साथ दे सकता है.
के खिलाफ अमेरिका के 3 कदम
चीन के खिलाफ जिन 3 कदमों को अमेरिका ने उठाया है उनमें पहला, सैन्य घेराबंदी, दूसरा वाणिज्य दूतावास बंद करना और तीसरा चीनी हैकरों पर निशाना साधना शामिल है. जिसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं और अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर (Mark Esper) ने पूरी रुपरेखा भी तैयार कर ली है. अमेरिका चीन को घेरने के लिए अपनी नौसेना के जहाजों को एशिया भेजने में जुट गया है.
अमेरिका की रणनीति में भारत शामिल
एस्पर की मानें तो जिस तरह की गतिविधियों को चीन अंजाम दे रहा हैं उससे पूरा क्षेत्र अस्थिर हो रहा है और अब अमेरिका चीन का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है जिसमें भारत की भी अहम भूमिका होगी. इसके अलावा अमेरिका ने बुधवार को चीन को सख्त आदेश देते हुए कहा कि, वह 72 घंटों के भीतर ह्यूस्टन में अपना वाणिज्य दूतावास बंद करे. ये कदम अमेरिका ने इसलिए उठाया है क्योंकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह दूतावास जासूसी करने में जुटा हुआ है.
अमेरिका का कहना है कि, चीन सिर्फ जानकारी चुराने के प्रयास ही नहीं बल्कि उसके हैकर्स भी जासूसी का काम कर रहे हैं. यूएस इन्वेस्टिगेटर्स की मानें तो दुनियाभर में जो कोरोना वैक्सीन पर जितना भी शोध चल रहा है उन सबको चीनी हैकर्स निशाना बनाकर जानकारी जुटाने के प्रयास कर रहे हैं.