भारत और चीन के (india and china tension) बीच जारी तनाव ने जब से हिंसक रूख अख्तियार किया है, तब से भारत में लगातार चीन से प्रतिशोध लेने की प्रतिबद्धता को बल मिलता हुआ नजर आ रहा है। सोमवार रात भारतीय (indian army) और चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों की शहादत से पूरा देश आक्रोशित है। गत बुधवार को तो लोग सड़कों पर उतरकर चीन के विरोध में नारेबाजी करते हुए नजर आए और सरकार से मांग की कि सैनिकों की शहादत का बदला व्यर्थ न जाए। वहीं गत बुधवार को पीएम मोदी (pm modi) ने भी चीन की इस कायरतापूर्ण कृत्य का मुंहतोड़ जवाब देने के संकेत साफतौर पर दे दिए हैं। उन्होंने ऐसे ही संकेत पुलवामा हमले के दौरान भी दिए थे।
पीएम मोदी ने दिए ये संकेत
प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि भारत किसी को उकसाता नहीं है, लेकिन यदि उसे कोई उकसाने का प्रयास करता है, तो वो फिर किसी को छोड़ता नहीं है। पीएम ने दो टूक कह दिया है कि हमारे जवानों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। बता दें कि कुछ ऐसा ही वक्तव्य उन्होंने पुलवामा हमले के दौरान देश के नाम पैगाम में दिया था। वहीं चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत अब मुस्तैद नजर आ रहा है। लद्दाख बॉर्डर सहित उत्तराखंड की चीन से लगती सीमाओं में सेना के अलर्ट को बढ़ा दिया गया है। हथियारों सहित सेना के ट्रकों की संख्या को बढ़ा दिया गया है।
सड़क निर्माण की गति तेज
वहीं चीन के इस हिंसक कदम के बाद लद्दाख में भारतीय सेना ने सड़क निर्माण की गति तेज कर दी है। मजदूरों की संख्या सड़क निर्माण हेतु बढ़ा दिया गया है। बता दें कि इससे पहले लॉकडाउन के चलते मजदूरों को वापस ले जाया गया था, लेकिन अब चीन के इस कदम के बाद ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सड़क निर्माण की गति तेज कर दी गई है। असल में चीन को इसी चीज से दिक्कत है कि भारत लद्दाख में सड़क निर्माण कर रहा है। यदि भारत लद्दाख में सड़क निर्माण कर लेता है, तो विषम परिस्थितियों भारतीय सेना को सीमा तक पहुंचने में आसानी होगी, मगर वर्तमान समय में हालात ऐसे नहीं हैं।
आर्थिक मोर्चे पर शिक्सत देने की तैयारी
चीन की इस कायरतापूर्ण हरकत के बाद अब भारत चीन को आर्थिक मोर्चे पर शिकस्त देने केे लिए मुस्तैद हो चुका है। इसकी बानगी हमें गत बुधवार को देखने को मिली, जब भारी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतकर भारतीय वस्तुओं का बहिष्कार किया। लोग चीन के विरोध में विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए। लोगों ने कहा कि एक तऱफ जहां चीन हमारे सैनिकों को मार रहा है और दूसरी तरफ हम उसकी वस्तुओं का उपभोग करेंगे। हमें यह कतई स्वीकार्य नहीं है।
वैश्विक स्तर पर पटखनी देने की तैयारी
चीन की इस कायरना हरकत के बाद भारत ने अपने कूटनीतिक कौशल का परिचय देते हुए अपने मित्र राष्ट्रों से संपर्क किया है, जिसके बाद अमेरिका ने चीनी अधिकारियों पर सैंक्शन लगाया जा सकता है। यह सैंक्शन चीन में ऊईगर मुस्लिम के खिलाफ हो रहे अ्त्याचारों के विरोध में उठाया है। वहीं अमेरिका के इतर ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत का समर्थन किया है।