कहते हैं हर किसी व्यक्ति पर भरोसा (Trust) नहीं करना चाहिए, लेकिन किन लोगों पर भरोसा करना चाहिए ये कैसे समझें? कोई व्यक्ति जब किसी नए इंसान से मिलता है तो सबसे पहले मन में सवाल आता है कि भरोसा करें या नहीं करें. अगर आपके साथ भी अक्सर ऐसा ही कुछ होता है तो हम आपको बताएंगे चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के बारे में. चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे और विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते थे. ऐसा कहा जाता है कि, चाणक्य को कई विषयों के बारे में जानकारी थी और अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, सैन्य शास्त्र, कूटनीति शास्त्र के साथ नैतिक शास्त्र जैसे विषयों से भी भलीभांति परिचित थे.
चाणक्य एक ऐसे शिक्षक रहे हैं जिनकी बातों को आज भी लोग जीवन में अमल करते हैं. क्योंकि इनकी बताई हुई बातों से व्यक्ति न सिर्फ अंधकार से निकलता है बल्कि अपने जीवन की कई बाधाओं को पार कर लेता है. बड़ी संख्या में लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं और उनकी बातों को अपने जीवन में उतारते हैं. यूं तो चाणक्य नीति में कई सारी विशेष बातों का जिक्र है और विश्वास पर भी चाणक्य ने कुछ अहम बातें बताई हैं जिन्हें हर व्यक्ति को हमेशा याद रखना चाहिए और किसी भी व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले इन सारी बातों का आकलन करना चाहिए.
लंबे नाखून
चाणक्य की मानें तो जिन जानवरों को लंबे नाखून होते हैं उनसे उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए. क्योंकि लंबे नख वाले पशु कभी-भी हिंसक हो सकते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए आसानी से इन पर भरोसा नहीं करना चाहिए. कई बार ऐसे पशुओं पर विश्वास करना जान का खतरा बन जाता है.
नदी की गहराई
अक्सर लोग नदी को पार करने को लेकर तमाम तरह की सलाह देते हैं अगर ऐसा ही कुछ आपके साथ भी होता है तो सतर्क हो जाइए. चाणक्य की मानें तो नदी के बहाव और गहराई के बारे में कोई भी व्यक्ति नहीं जानता. इसलिए नदी पार उसी स्थिति में करें जब आप खुद उसका आंकलन कर लें. कहने का मतलब है कि किसी भी परिणाम पर दूसरे व्यक्ति के कहे पर आकर न पहुंचे बल्कि खुद सोच-समझकर फैसला लें.
शस्त्र रखने वाले लोग
चाणक्य की मानें तो जो लोग अपने पास शस्त्र रखते हैं उन पर भूल से भी भरोसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसे व्यक्ति कभी भी उत्साह में आकर अपने शस्त्रों का प्रदर्शन कर सकते हैं जिससे क्षति पहुंच सकती है. इसलिए ऐसे लोगों से सावधान और दूर रहने में ही इंसान का भला है. अन्यथा वह खुद मुसीबत में पड़ सकता है.