कोरोना के खिलाफ जिन्दगी बचाने की जंग सबसे आगे डाॅक्टर कोरोना योद्धा बन कर दायित्वों को निर्वहन कर रहे हैं। देश में संक्रमितों के उपचार के लिए जरूरी दवाओं, बेड ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है। हेल्थ सिस्टम को लेकर हेल्थकेयर वर्कर्स पर काफी दबाव है। मुश्किल समय में कठिनाइयों से जूझते हुए भी ये फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स रात-दिन संक्रमित लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। गुजरात में ही मां की मौत के कुछ ही घंटे बाद दो डॉक्टर कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए ड्यूटी पर वापस लौटे थे। गुजरात के ही सूरत में एक गर्भवती नर्स अपनी ड्यूटी निभा रही है। यह महिला मरीजों का इलाज करने के साथ ही रोजा भी रखे हुए है।
सूरत की नर्स नैंसी आइजा मिस्त्री चार महीने के गर्भ से हैं। गर्भवती नैंसी रमजान के पाक महीने में रोजा भी रख रही हैं। कोरोना संक्रमितों की देखभाल कर रही है। सूरत के अलथान इलाके में महानगर पालिका के कम्युनिटी हॉल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक हर्ष संघवी ने अटल संवेदना के नाम से कोविड केयर सेंटर खोल रखा है। कोविड केयर सेंटर में फिलहाल 105 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। इस कोविड सेंटर में जब से इलाज शुरू हुआ है, तभी से 29 साल की नैंसी आइजा मिस्त्री यहां संक्रमितों का देखभाल कर रही हैं। वह अपने दायित्वों के प्रति पूरी समर्पित हैं।
नैंसी चार महीने के गर्भ के बावजूद पूरे समर्पण के साथ मरीजों के इलाज में जुटी हैं। नैंसी ने कहा कि मुझे डर नहीं लगता। अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु का भी पूरा ध्यान रख रही हूं. रोजा को लेकर उन्होंने कहा कि रमजान महीना बहुत खास होता है। इसमें अगर जरूरतमंदों की मदद की जाए तो अल्लाह हमें बहुत नेकी देता है। मरीजों की हमें दुआ मिले तो बहुत अच्छी बात है।
अटल संवेदना कोविड सेंटर में नैंसी के साथ ड्यूटी दे रहीं नर्स जी सोलंकी ने कहा कि गर्भ के कारण नैंसी को ज्यादा चलना नहीं चाहिए लेकिन फिर वो हर मरीज को समय पर दवा और इंजेक्शन का ध्यान रख रही हैं। कोरोना महामारी जब देशभर में कोहराम मचा रही है ऐसे में नैंसी जैसे कोरोना वॉरियर्स भी हैं जिनका समर्पण सराहनीय है। ऐसी ही कर्मठ कोरोना योद्धाओं से देश कोरोना पर विजय पाएगा।