कोरोना वायरस (corona virus) की वजह से हुई मौतों की गणना (death count) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization (WHO)) के तरीके पर भारत (India) की ओर से आपत्ति व्यक्त करने के बाद उठे विवाद के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक (Director General of WHO) डॉ टेड्रोस घेब्रेसस (Dr Tedros Ghebreyesus) सोमवार से तीन दिन के गुजरात दौरे पर रहेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुछ कार्यक्रमों में शामिल होंगे। घेब्रेसस 18 अप्रैल यानी आज राजकोट पहुंचेंगे जहां उनका रात में रुकने का कार्यक्रम है। मंगलवार को वह पीएम मोदी के साथ जामनगर में पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ के वैश्विक केंद्र (जीसीटीएम) के शिलान्यास में शामिल होंगे।
बुधवार को घेब्रेसस गांधीनगर में पीएम मोदी के साथ ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे। इस तीन दिवसीय समारोह में 90 से अधिक वक्ता और 100 से अधिक प्रदर्शक शामिल हो रहे हैं। यह समिट वेलनेस उद्योग से जुड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम में नवाचार, शोध और विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश की संभावनाएं तलाशने में मदद करेगा।
राजकोट के कलेक्टर महेश बाबू ने रविवार को कहा कि जीसीटीएम पारंपरिक दवाओं के लिए दुनिया का पहला और अकेला वैश्विक आउटपोस्ट होगा। उन्होंने कहा कि गुरुवार को घेब्रेसियस गांधीनगर जाएंगे। यहां प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किए जाने का कार्यक्रम निर्धारित है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी सोमवार को आएंगे राजकोट
वहीं, राजकोट के मेयर प्रदीव दाव ने बताया कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ भी सोमवार को राजकोट पहुंचेंगे। यहां उनका स्वागत एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया जाएगा। दाव ने कहा कि उनके सम्मान में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी की गई है। जगह-जगह पर खास होर्डिंग भी लगाए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने इसे लेकर सदस्य देशों के साथ अपनी चिंता साझा की है। इसे लेकर डब्ल्यूएचओ को छह पत्र भी लिखे गए हैं। दरअसल, हाल ही में आई न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनियाभर में कोरोना से हुई मौत के आंकड़े सार्वजनिक करने से डब्ल्यूएचओ को रोक रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोरोना से मरने वाले लोगों का सरकारी आंकड़ा 5.20 लाख है। जबकि, डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार इस महामारी के चलते देश में 40 लाख से अधिक लोगों की जान गई है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से विवाद की स्थिति बन गई है। कांग्रेस पार्टी ने इन आंकड़ों को लेकर केंद्र पर सवाल उठाए हैं।
कोरोना से मौतों के आंकड़ों को लेकर शुरू हुआ विवाद
दरअसल, भारत ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की वजह से होने मौतों की गणना करने के लिए डब्ल्यूएचओ के तरीके पर सवाल उठाए हैं। भारत सरकार का कहना है कि हमारे विशाल भौगोलिक आकार और बड़ी जनसंख्या वाले देश में मौतों का आंकलन करने के लिए किसी भी गणितीय मॉडल का इस्तेमाल सही नहीं हो सकता है।