कोरोना की दूसरी लहर में प्रयागराज में हजारों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं. इनमें से सैकड़ों लोगों की कोरोना संक्रमण से जान भी चली गई है. हांलाकि, बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर कोरोना की महामारी से जंग लड़ी और स्वस्थ भी हुए हैं. प्रयागराज में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र प्रसाद मिश्र का परिवार उन्हीं में से एक है. उनके परिवार में एक-एक करके 26 लोग अब तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. लेकिन इन सभी ने होम आइसोलेट रहते हुए कोरोना पर विजय पाई है और अब सभी सदस्य पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
परिवार के 26 सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो गए दरअसल, आजाद नगर निवासी राघवेंद्र मिश्र के छोटे बेटे सबसे पहले 11 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए. इसके बाद परिवार में एक-एक करके 26 सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो गए. संयुक्त परिवार होने की वजह से इनके घर में कुल 31 सदस्य हैं. महज 10 दिन के अंतराल में 26 सदस्यों के संक्रमित होने से परिवार के लोग काफी चिंतित रहे. इस दौरान 87 वर्ष के राघवेंद्र मिश्र भी संक्रमित हो गए. उनके परिवार के लोग राघवेंद्र मिश्र के संक्रमित होने से ज्यादा परेशान हो गए. क्योंकि, वर्ष 2012 में उन्होंने अपनी एक किडनी अपने पुत्र को दान कर दी थी, लेकिन राघवेंद्र मिश्र ने हिम्मत नहीं हारी.
चिकित्सक के परामर्श से किया दवाओं का सेवन
परिवार के सभी संक्रमित लोगों का वो लगातार उत्साह बढ़ाते रहे. उनके बेटे और दंत चिकित्सक डॉ मुनीर किशोर मिश्रा के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौरान पूरे परिवार में सभी ने चिकित्सक के परामर्श से दवाओं का सेवन किया. इसके साथ ही नियमित रूप से योग, भाप, काढ़ा और हल्दी वाला दूध भी पिया. उनके मुताबिक अब घर में सभी लोग स्वस्थ हैं. इस दौरान बड़े भाई और अधिवक्ता रघुराज किशोर मिश्र, खेल शिक्षक रविंद्र मिश्र, कंदर्प किशोर मिश्रा, 13 वर्ष के अनघ मिश्रा समेत सभी 26 लोग स्वस्थ हो गए हैं. प्रयागराज का ये परिवार उन लोगों के लिए मिसाल बन गया है जो कोरोना संक्रमित होने के बाद उसका इलाज करने और आइसोलेट होने के बजाय कोरोना होने की बात ही छिपाते रहते हैं.