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केंद्र की सड़क योजना-3 के तहत यूपी के इन जिलों में बनेंगी नई सड़कें, सरकार ने तैयार किया रोडमैप

केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के तहत उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में नई सड़कें बनाने की योजना तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि केंद्र की योजना के तहत सभी जिलों में 9382.24 किलोमीटर लंबी 1265 सड़कें बनाई जाएंगी। इसके लिए सूबे की योगी सरकार ने पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण इसकी डीपीआर(DPR) राज्य स्तरीय समिति से अनुमोदन कराकर केंद्र सरकार को भेजेगा। सड़क योजना-3 के तहत गांवों में नई सड़कें बनाने की जगह ऐसी सड़कों का निर्माण किया जाना है जो दस वर्ष पुरानी होने के चलते जर्जर स्थिती में है। अभिकरण के सीईओ सुजीत कुमार ने बताया कि महीने के अंत तक डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। प्रधानमंत्री सड़क योजना-3 के तहत इस वर्ष उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक सड़कें बनाई जाएगी। जिसका लाभ प्रदेश की जनता को होगा।

 

बता दें कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इससे पहले उत्तर प्रदेश को साल 2020-21 में 2500 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य दिया था, लेकिन देश के अन्य प्रदेशों से लक्ष्य के मुताबिक प्रस्ताव नहीं मिलने की वजह से यूपी को इस

वर्ष सिर्फ आठ हजार किलोमीटर सड़क बनाने को कहा गया है। हालांकि उन्हीं सड़कों को दोबारा बनाया जाएगा जिनकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।

इन राज्यों में बनाई जाएंगी नई सड़कें…

जिला                  सड़क संख्या      लंबाई (किमी.)  
श्रावस्ती                     10               54
लखनऊ                    11             83.95

बाराबंकी                  22             164.21
गोरखपुर                  23              141.50
गोंडा                      27              186.66
सीतापुर                   28                209.93
हरदोई                    28               199.90
रायबरेली                  30                216.63

वाराणसी                   11             63.55
अयोध्या                    17           121.30
बहराइच                   18           155.52
अंबेडकर नगर            19            144.50
अमेठी                     21             144.50

इन सड़कों की चौड़ाई 5.5 मीटर तक होगी। ग्रामीण क्षेत्रों की सुगमता के लिए सड़कों का ऑनलाइन चयन किया गया है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। वहीं इस काम को इस साल के अंत तक पूरा किया जाना है।