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किसान सम्मान निधि योजना: मुसीबत में ‘फर्जी किसान’, पूरा पैसा वसूलेगी सरकार, ये लोग शामिल

देश भर के किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आठवीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. केंद्र सरकार पीएम किसान योजना के तहत हर साल योग्य लाभार्थी किसानों के खातों में 6,000 रुपये भेजती है. किसानों को ये रकम तीन किस्तों में मिलती है. सरकार की कोशिश है कि जरूरतमंद किसानों को इस योजना का लाभ मिले. दरअसल किसान सम्मान निधि का लाभ उठाने के लिए जरूरतमंद किसानों के साथ-साथ ऐसे लोग भी किसान बन गए हैं, जिनका खेती से कोई लेना-देना नहीं है. अब ऐसे लोगों के ऊपर कार्रवाई की जा रही है. किसान सम्मान निधि योजना से नाम हटाने के साथ-साथ भुगतान की गई रकम की भी वसूली की जा रही है.

सरकार को शिकायत मिली है कि बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारी और सुखी-संपन्न लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ उठा रहे हैं. साथ आयकर भरने वाले किसान भी लाभ उठा रहे हैं, जो इसके दायरे में नहीं आते हैं. आज हम आपको यह बताते हैं कि पीएम किसान योजना के तहत कौन लोग लाभ लेने योग्य नहीं हैं. नियम के मुताबिक इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान के नाम पर खेत होना जरूरी है. यही नहीं, अगर जमीन किसान के दादा या पिता के नाम पर है, तो फिर योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसान के नाम खेती की जमीन होनी चाहिए.

कार्यरत सरकारी कर्मचारी, या फिर रिटायर्ड कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं. साथ ही अगर किसी के पास खेती के लिए जमीन है और उसे 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है तो भी ऐसे लोगों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा रजिस्टर्ड डॉक्टर्स, इंजीनियरों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और वास्तुकारों और उनके परिवार के लोग भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते. वहीं अगर रजिस्टर्ड खेती योग्य जमीन पर किसान कोई दूसरा काम कर रहा है तो फिर पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा.

गांवों में कई ऐसे किसान होते हैं, जो खेती के कार्यों से तो जुड़े होते हैं, लेकिन खेत उनके स्वयं के नहीं होते. यानी वे किसी और के खेतों में खेती करते हैं और खेत मालिक को इसके बदले हर फसल का हिस्सा देते हैं. ऐसे किसान भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं होंगे. किसान सम्मान निधि योजना के लिए शत-प्रतिशत फंड केंद्र सरकार देती है और इसके तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है. इस योजना के प्रत्येक लाभार्थी किसान को एक किस्त में 2,000 रुपये दी जाती है.