कर्नाटक के डेक्कन अरबन को-अपरेटिव बैंक लिमिटेड (Deccan Urban Co-Operative bank) पर आरबीआई ने पाबंदी लगा दी है. 19 फरवरी की शाम को ये निर्देश जारी किए गए हैं जिसके तहत अब बैंक तय शर्तों के साथ ही काम कर पाएगा. ये पाबंदी फिलहाल 6 महीने तक लागू रहेगी. आरबीआई ने बैंक की जांच शुरू कर दी है.
1 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं
आरबीआई के निर्देश के मुताबिक डेक्कन अरबन को-अपरेटिव बैंक के ग्राहक 1 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं कर पाएंगे. ये नियम सभी खातों पर लागू होगा. बचत खाता (Saving Account) हो या चालू खाता (Current Account) सभी तरह के खाते पर पाबंदी लागू होगी. फिलहाल ये पाबंदी (Restriction) 6 महीने के लिए लगाई गई है. आरबीआई ने कहा कि बैंक की वित्तीय स्थिति (Financial Situation) की समीक्षा (Review) की जाएगी जिसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा.
नए लोन देने पर भी रोक
कर्नाटक का डेक्कन अरबन को-अपरेटिव बैंक अब ग्राहकों को नया लोन नहीं दे सकेगा. इसके अलावा बैंक में और पैसा भी जमा नहीं होगा. आरबीआई ने ये फैसला बैंक की नकदी स्थिति को देखते हुए लिया है. डेक्कन अरबन को-अपरेटिव बैंक के सभी लेन-देन की जांच की जा रही है. आरबीआई की कोशिश है कि जमा और निकासी में संतुलन बना रहे जिससे बैंक के डूबने का कोई खतरा पैदा न हो.
बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं
आरबीआई ने साफ कर दिया है कि जांच के इरादे से डेक्कन अरबन को-अपरेटिव बैंक पर पाबंदी जरूर लगाई गई है लेकिन बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है. इसका मतलब ये हुआ कि अभी ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है लेकिन वो अपनी मर्जी से पैसा निकाल नहीं सकते हैं. आरबीआई ने किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील भी बैंक के ग्राहकों से की है.
बैंक डूबा तो क्या होगा
मोदी सरकार ने 2021-22 के बजट में इस बात को दोहराया है कि अगर किसी भी हालात में बैंक डूबता है तो ग्राहक को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आपके खाते में 5 लाख से कम जमा हैं तो आपका पूरा पैसा सुरक्षित है लेकिन अगर आपके खाते में 5 लाख से ज्यादा जमा हैं तो आपको केवल 5 लाख रुपये ही मिलेंगे. इससे पहले ये लिमिट एक लाख रुपये थी जिसे अब 5 लाख कर दिया गया है.