ऐसा कहा जाता है कि बजरंगबली की पूजा करने से इंसान को हर भय से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सफलता के सभी रास्ते खुल जाते हैं। हनुमान जी के कई सारे स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर रूप में भगवान की पूजा करने का अलग महत्व है। आज हम हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के बारे में बात करेंगे। ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम और लक्ष्मण को रावण से मुक्ति दिलाने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप लिया था।
ये हैं पंचमुखी हनुमान जी मूर्ति लगाने से लाभ
ऐसा कहा जाता है कि पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति जिस घर में लगी होती है, उस घर में किसी तरह की बाधाएं नहीं आती हैं। इस उनकी मूर्ति को घर में लगाने से वास्तु दोष नहीं होता है। इंसान के धन संपत्ति में वृद्धि होती है। मन में डर का नाश हो जाता है। पर
शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति को घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगाना सही बताया गया है। नियमित रूप से इनकी पूजा भी आवश्यक है।
क्या है पंचमुखी हनुमान जी के उपाय
हनुमान जी को मनाने के उपाय में सबसे पहले एक नारियल लेकर उसके ऊपर कलावा लपेटें फिर चावल, सिंदूर और पीले फूल चढ़ा दें। फिर इस नारियल को पंचमुखी हनुमान जी को अर्पित कर देना चाहिए । ऐसी मान्यता है ये करने से सफलता प्राप्त होने की संभावना बढ़ती है। अगर किसी परीक्षा या फिर इंटरव्यू में जा रहे हैं, तो पंचमुखी हनुमानजी को अनार या लड्डू का भोग लगाएं इसी के साथ केसरिया रंग का झंडा भी मंदिर में दान करें। परिवार में सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए पंचमुखी हनुमान जी प्रतिमा के सामने बैठकर श्रीराम का रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। अगर किसी तरह का कोर्ट केस चल रहा है तो इसमें सफलता हासिल करना चाहते हैं तो पंचमुखी हनुमान जी के समक्ष घी का दिया जलाना चाहिए और नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए।
पंचमुखी हनुमान जी का स्वरूप
हनुमान जी के पंचमुखी अवतार का पहला रूप वानर वाला है जो कि दुश्मनों को हराने में मदद करता है। उनका दूसरा रूप गरूड़ वाला है जो सारी परेशानियों को खत्म करता है। तीसरा रूप वराह का है जो कि भक्तों को लंबी उम्र, प्रसिद्धि और शक्ति प्रदान करने वाला है। चौथा रूप नृसिंह का है जो कि व्यक्ति का डर और तनाव दूर कर देता है और पांचवा मुख अश्व का होता है जो सारी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।