केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) (Central Industrial Security Force (CISF)) के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बल अपना कर्तव्य बहुत ही जिम्मेदारी के साथ निभा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल (Corona period) हो या फिर यूक्रेन से छात्रों की वतन वापसी (return of students from Ukraine) का मामला, दोनों ही संकट काल में सीआईएसएफ ने बहुत ही प्रशंसनीय काम किया है। सीआईएसएफ अपने उद्देश्य को बखूबी पूरा कर रहा है।
गृहमंत्री शाह इंदिरापुरम स्थित सीआईएसएफ परिसर में सीआईएसएफ के 53वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। शाह ने कहा कि सीआईएसएफ पूरे विश्व में ऐसा बल है जो सरकारी तंत्र से बना है और अच्छी तरह से ड्यूटी निभा रहा है। सीआईएसएफ में महिलाओं की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। इस दिशा में विशेष काम करने की आवश्यकता है। वर्तमान में यहां महिलाओं का अनुपात 94-6 का है, जिसे 80-20 तक करने पर विचार किया जा रहा है। समारोह में गृहमंत्री ने परेड की सलामी ली।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब भारतीय विदेश से वापस आ रहे थे, तब सीआईएसएफ जवानों ने उन लोगों की देखरेख करने का काम किया और अपनी जान की भी परवाह नहीं की। कई जवानों ने अपनी जान भी गवां दी। अब वे ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से लौटने वाले नागरिकों की भी देखभाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो चलाने में सीआईएसएफ की महत्वपूर्ण भूमिका है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि अब सीआईएसएफ के दायित्व का विस्तार किया जाएगा। निजी सुरक्षाकर्मियों को सीआईएसएफ की ओर से प्रशिक्षण दिए जाने की दिशा में भी एक रोडमैप बनाने का जरूरत है। उन्होंने कहा कि डीजी सीआईएसएफ एक 5 साल का रोड मैप तैयार करें उसके बाद एक 25 साल का रोड मैप तैयार करके उसपर काम किया जाए, ताकि सीआईएसएफ और बेहतर ढंग से पेशेवर तरीके से काम कर सके।