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सावन के आखिरी शनिवार को इन 5 राशि के जातकों को करने चाहिए ये खास उपाय, दूर होंगे शनि दोष

22 अगस्‍त को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2021) के साथ ही सावन (Sawan) का पावन महीना भी खत्‍म हो जाएगा. इससे एक दिन पहले ही 21 अगस्त को आज इस पवित्र महीने का आखिरी शनिवार (Saturday) है. सावन महीने का हर एक दिन काफी विशेषता रखता है और इस समय में किए जाने वाले सभी उपाय (Remedy) बहुत लाभकारी भी होते हैं. वो जातक जिनकी कुंडली में शनि दोष (Shani Dosh) होता है या वे राशियां (Zodiac Sign) जिन पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या चल रही है, वो सावन के आखिरी शनिवार को कुछ उपाय करने में आपके जीवन में कई सारे दोषों से मुक्ति मिल जाएगी. इस समय मकर, कुंभ और धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. ज्योतिष के अनुसार शिव जी की पूजा पाठ करने से भी शनि का बुरा प्रभाव कम होने लगता है.

शिवलिंग पर चढ़ाएं गंगा जल की धार

सावन के आखिरी शनिवार के दिन शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करें. अगर गंगा जल न मिल पाए तो सामान्‍य जल से ही शिव जी की अभिषेक कर दीजिए, ऐसा करने से शिव जी प्रसन्‍न होते हैं और आप पर विशेष कृपा करते हैं. संभव हो सके तो जल के अतिरिक्त दूध-दही, घी, शहद आदि पंचामृत से भी अभिषेक कर सकते हैं और फिर से गंगा जल या जल अर्पित करें. शिव को सफेद कपड़े और जनेऊ जरूर पहनाएं.

शिवजी की आरती का जरूर करें गान

शिव जी का अभिषेक करने के साथ साथ उनको वस्‍त्र-जनेऊ अर्पित करें. उसके बाद शिव जी की आरती जरूर करें. आरती करने से पूजा-अभिषेक का पूरा फल मिलता है.

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा .
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे .
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे.
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी .
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे .
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता .
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका .
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी .
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे .
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥