अंतरिक्ष एजेंसी (space agency) नासा (NASA) के शीर्ष वैज्ञानिक (Scientist) रहे जिम ग्रीन ने बड़ा दावा किया है। शनिवार को नए साल के पहले दिन 31 साल तक नासा (NASA) में काम करने के बाद विदाई के वक्त उन्होंने कहा कि मंगल और शुक्र ग्रह को भी धरती (Earth) की तरह रूपांतरित (transformed) किया जा सकता है।1980 में नासा ज्वाइन (join nasa) करने वाले ग्रीन ने धरती (Earth) के चुंबकीय क्षेत्र को समझने, बाहरी सौर मंडल (outer solar system) का पता लगाने और मंगल (Mars) पर जीवन की खोज में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (american space agency) की बड़ी मदद की है। जिम ग्रीन (Jim Green)ने बीते चार दशकों में 12 साल नासा के ग्रह विज्ञान विभाग (science department) के निदेशक के रूप में कार्य किया है। वे पिछले तीन साल से नासा के मुख्य वैज्ञानिक (Scientist) थे। उन्होंने नासा (NASA) की अनेक वैज्ञानिक खोजों को मूर्त रूप दिया है। ग्रीन ने अपने करियर की शुरुआत पृथ्वी (Earth) के चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा तरंगों पर शोध के साथ की थी।
‘एलियन‘ के जीवन का पता लगाने के लिए ‘कोल्ड स्केल‘ बनाई
जिम ग्रीन (Jim Green)की हाल की सबसे अहम खोजों में ‘एलियन’ (alien)के जीवन का पता लगाने के लिए ‘कोल्ड स्केल’ का विकास है। इसके साथ ही उन्होंने यह दावा किया है कि हम मंगल ग्रह को टेराफॉर्म (Terraform) कर सकते हैं, यानी इसे मनुष्यों के लिए रहने योग्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक विशाल चुंबकीय कवच का उपयोग करके लाल ग्रह के वायुमंडल को अलग करने से रोकने के लिए उसकी सतह का तापमान बढ़ा सकते हैं।
एक अमेरिकी (American) अखबार को दिए साक्षात्कार में जिम ग्रीन ने नासा व अपनी तमाम खोजों व शोधों को लेकर विस्तार से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अन्य ग्रहों पर जीवन का पता लगाने के लिए ‘कोल्ड स्केल’ ईजाद की गई है। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कुछ सालों पहले कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि उन्होंने शुक्र ग्रह के वातावरण में फॉस्फीन देखा है। इसकी प्रचुरता को देखते हुए उन्होंने दावा किया था कि इससे उन्हें यह भरोसा होने लगा कि वहां जीवन की बड़ी संभावना है।