Breaking News

‘विराट ब्रिगेड’ ने पहली पारी में पिछड़ने के बावजूद 151 रन से जीता रोमांचक मैच

टीम इंडिया वनमैन आर्मी की अपनी छवि तोड़कर बाहर आ गई है, अब विराट ब्रिगेड में हर खिलाड़ी मैच विनर हैं, हर खिलाड़ी हीरो है। भारतीय क्रिकेट योद्धाओं की इस ऐतिहासिक लड़ाई की सीरीज लॉर्ड्स जा पहुंची और क्रिकेटरों ने अंग्रेजों की जेब से जीत छीनकर उस पर अपना नाम लिख दिया।

इस जीत में भारत के हर खिलाड़ी का योगदान दर्ज है। क्रिकेटर रोहित शर्मा ने पहली पारी में सिर्फ 83 रन ठोककर भारत को मनचाही शुरुआत दी, रोहित ने आउट होने से पहले केएल राहुल के साथ 126 रन की साझेदारी की। लॉर्ड्स का ग्राउंड, ऊपर आसमान में बादल और नीचे रोहित का तूफानी अंदाज।

रोहित ने पहली पारी में 57.24 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो टेस्ट मैचों में बेहद शानदार माने जाएंगे, उन्होंने दूसरी पारी में भी 21 रन बनाए। केएल राहुल ने इस मैच में 129 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने रोहित द्वारा बनाए गए दबाव को आगे बढ़ाया और उस नींव पर बड़ी इमारत खड़ी की, जो उन्होंने खुद रोहित के साथ मिलकर रखी थी। कोई शक नहीं कि जब भारत जीता तो केएल प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। मोहम्मद सिराज इस मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने दोनों पारियों में 4-4 विकेट झटके। बल्लेबाजी में भी उनका जिक्र करना जरूरी है क्योंकि वे दोनों टीमों की ओर से एकमात्र बल्लेबाज रहे, जिन्हें एक भी गेंद का सामना नहीं करना पड़ा।

लॉर्ड्स टेस्ट में जब भारत पहली पारी में पिछड़ गया और दूसरी पारी में केएल और रोहित जल्दी आउट हो गए, तो टीम पुजारा की ओर देख रही थी, इस खिलाड़ी ने भी अपनी टीम और प्रशंसकों को निराश नहीं किया और दूसरी पारी में 206 गेंदों का सामना कर महत्वपूर्ण 45 रन बनाए, अजिंक्य रहाणे के साथ शतकीय साझेदारी भी की। विराट कोहली ने भी बतौर कप्तान और खिलाड़ी टीम को वह जरूरी योगदान दिया, जो टीम को जीत की ओर ले जाती है, उन्होंने पहली पारी में 42 रन बनाए और केएल के साथ 117 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की, दूसरी पारी में भी 20 रन बनाए। अजिंक्य रहाणे पहली पारी में उम्मीद पर खरे नहीं उतरे और सिर्फ एक रन बना सके, लेकिन दूसरी पारी में वे तब दीवार पुजारा के साथ कंधे से कंधा मिलाते नजर आए जब भारत दबाव में था।

रहाणे ने दूसरी पारी में भारत की ओर से सबसे अधिक 61 रन बनाए। ऋषभ पंत हमेशा की तरह आक्रामक अंदाज में खेले, उन्होंने पहली पारी में 58 गेंद में 37 रन बनाए और दूसरी पारी में भी 22 रन का अहम योगदान दिया। पंत अब विकेटकीपर के तौर पर डीआरएस लेने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। रवींद्र जडेजा ने दूसरी पारी में 40 रन बनाए, उनके ये रन अगर कम लगें तो इसे यूं समझिए कि पंत जब छठे बल्लेबाज के तौर पर आउट हुए तो भारत का स्कोर 331 रन था, दूसरी पारी में लड़ने से पहले भारतीय लोअर-ऑर्डर पहली पारी में बुरी तरह फेल हो गया था।

पहली पारी में मोहम्मद शमी, जसप्रत बुमराह और मोहम्मद सिराज खाता भी नहीं खोल पाए थे और इशांत सिर्फ 8 रन बना सके थे, तब जडेजा ने टीम को 364 रन तक पहुंचाने में मदद की , उन्होंने इसकी भरपाई दूसरी पारी की बैटिंग में की और 70 गेंद में 56 रन धुन डाले, उनकी और जसप्रीत बुमराह की नौवें विकेट की 89 रन की साझेदारी इस मैच की टर्निंग पॉइंट साबित हुई। जसप्रीत बुमराह का खेल भी इस मैच में शमी जैसा ही रहा, वे भी मैच में सिर्फ 3 विकेट झटक सके। एक तरह से दूसरी पारी के इन विकेटों ने ही इंग्लैंड पर दबाव बनाया, लेकिन इस गेंदबाजी से पहले उनकी 34 रन की पारी को कोई कैसे भूल सकता है।

इशांत शर्मा इस मैच के अनसंग हीरो जैसे रहे। उन्होंने पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 2 विकेट झटके। बैटिंग में भी उनका योगदान बेहद अहम रहा, इशांत ने पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 16 रन बनाए। उधर, लॉर्ड्स टेस्ट मैच के पांचवें दिन की शुरुआत मजबूत स्थिति में करने के बाद भारत के शानदार खेल के कारण इंग्लैंड को 151 रनों से हार का सामना करना पड़ा। पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ज्योफ्री बायकॉट का मानना है कि भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड अपनी रणनीति में ‘बेवकूफ’ दिखी और उसने भावनाओं को अपने ऊपर हावी होने दिया।