भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत में आर-पार की रणनीति तैयार होगी. किसान नेता ने केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग को दोहराते हुए कहा कि ये कृषि कानून किसान मजदूर और आमजन के विरोधी हैं. टिकैट ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए बिना मांगे ये कृषि कानून देश के किसानों पर थोप दिए गए हैं, जिससे किसान पहले कर्ज में डूबेगा, फिर धीरे-धीरे पूंजीपति किसानों से उनकी जमीन हड़पने का काम करेंगे. देश के लोग किसान आंदोलन से नहीं वैचारिक क्रांति से जुड़ रहे हैं.
राकेश टिकैत ने किसानों से 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार केवल इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का आंदोलन बता रही है, लेकिन इसमें 550 से अधिक किसान संगठन जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार यह गलतफहमी छोड़ दे कि किसान थक कर घर वापस चले जाएंगे.
जेवर पंचायत में पहुंचे कई जिलों के किसान
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने जेवर के सबौता अंडर पास के पास एक किसान महापंचायत की थी. इस महापंचायत में जेवर के अलावा बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा सहित कई जिलों के लोग भी पहुंचे थे. जबकि इस दौरान उन्होंने ने किसानों से मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली महापंचायत में भाग लेने की अपील की है, ताकि पूरा दम दिखाकर सरकार पर दबाव बढ़ाया जा सके.
इसके अलावा टिकैत ने कहा कि सरकार जो कानून लाई है, इससे और ज्यादा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि सरकार कानून वापसी ले और किसानों से बैठकर बात करे, नहीं तो ये आंदोलन जारी रहेगा. किसानों में गर्माहट है. हम शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं, इसलिए सरकार नहीं सुन रही है. क्रांतिकारी तरीके से धरना दें तो सुन लेगी. वो हम कर नहीं सकते. हम तो शांति के पुजारी हैं.