मिशन-2022 की तैयारी में जुटे सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं को लुभाने के लिए गुरुवार को बड़ा ऐलान किया। सीएम ने विधानसभा में कहा सरकार ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन या डिप्लोमा में प्रवेश लेने वाले एक करोड़ युवाओं को टैबलेट या स्मार्ट फोन देगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपए का एक कोष गठित किया गया है।
राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि हमने बिना किसी भेदभाव के अपनी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया। सीएम ने कहा कि यह पहली महामारी है जिसमें एक भी गरीब भूखा नहीं मरा। हमें महामारी को तो स्वीकार करना होगा नहीं तो बीमारी के उपचार के लिए और बीमारी से बचाव के लिए कोई अभियान आगे नहीं बढ़ पाएगा।
अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान सीएम ने विपक्ष पर तीखे वार किए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को तो गरीबों को अन्न दिया जाना भी बुरा लग रहा है। झोलों में अनाज वितरण को भी गरीबों का मजाक बता दिया। यह साफ दिख रहा है कि विपक्ष को जमीन पर चलने की आदत नहीं है। सीएम ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के अंदर बजट का दायरा काफी बढ़ गया। वर्ष 2015-16 में ढाई लाख करोड़ रुपए का बजट आता था। 2016-17 में 2.40 लाख करोड़ का बजट आया। आज हम करीब छह लाख करोड़ रुपए तक बजट के दायरे को पहुंचाने में सफल रहे हैं। बड़ी सोच और बड़े कार्यों के साथ बजट का दायरा भी बढ़ा है।
24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में दो-तीन लाख करोड़ रुपए का बजट ऊंट के मुंह में जीरे की तरह थी। वैसी संकीर्ण सोच से विराटता की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रदेश के अंदर बिना किसी भेदभाव के न जाति, न मत-मजहब, न क्षेत्र न भाषा, सबका साथ-सबका विश्वास के आधार पर जो कार्यक्रम किए उसका नतीजा ये रहा कि बजट का दायरा बढ़ गया। पिछले पांच वर्ष के दौरान प्रदेश के अंदर प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि यूपी की मौजूदा सरकार माफियाओं को सिर पर लेकर नहीं घूमती। हमने माफियाओं से 1500 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त की। यह सम्पत्ति गरीबों को लूटकर बनाई गई थी। गरीबों को लूटकर जो भवन बनाए गए थे, हम उन्हें गिराकर वहां गरीबों-दलितों के लिए घर बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले विपक्ष के लोग अयोध्या की तरफ झांकते नहीं थे लेकिन आज हर कोई कह रहा है कि राम हमारे हैं। सीएम योगी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमारा भाव, हमारा दर्शन और जीवन का हिस्सा है। यह हमारी कार्यपद्धति में पग-पग पर दिखता है।