विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने सोमवार को एक घटना को याद करते हुए बताया कि कैसे पीएम मोदी (PM Modi) ने यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) के शुरू होने के तुरंत बाद पुतिन और जेलेंस्की (Putin and Zelensky) से फोन पर बात की थी। उन्होंने बताया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों को फोन करके भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए आश्वासन मांगा था। ये छात्र इस साल की शुरुआत में युद्ध शुरू होने के बाद युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए थे।
गुजरात के सूरत में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, “यूक्रेन के सुमी और खार्किव में हमारे छात्र फंस गए थे। उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और जेलेंस्की को फोन किया और उनसे कहा कि हमारे बच्चे फंस गए हैं … (पीएम मोदी की कॉल के बाद) आश्वासन मिला कि निकासी अवधि के दौरान कोई गोलीबारी नहीं होगी। और इस तरह से हम अपने बच्चों को बाहर निकालने में सक्षम हुए थे।”
फरवरी के अंतिम सप्ताह में रूस ने यूक्रेन पर अटैक किया था। उसके बाद से हजारों लोगों की जानें गई हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत, भारत ने 22,500 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला था, जिनमें से अधिकांश छात्र यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे थे। सूरत में लाइव ऑडियंस के सामने बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि COVID-19, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य के बावजूद, भारत दुनिया भर में मजबूत व्यापारिक भावना को प्रदर्शित करने में कामयाब रहा।
नंदन नीलेकणी की एक कहानी को याद करते हुए, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आधार की ताकत को समझने वाले एकमात्र मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी आधार की ताकत को समझने वाले एकमात्र सीएम थे। इसकी वजह से, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण संभव हो सका। कोविन पोर्टल, पीएम आवास योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना- इसके बिना कुछ भी संभव नहीं होता।”