यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों से तबाही बढ़ती जा रही है। रूसी हमलों के बीच यूक्रेन की सेना भी बड़ा दावा किया है। यूक्रेन ने मंगलवार कहा है कि उन्होंने तुर्की के बायरक्तार टीबी-2 ड्रोन से रूस के 100 टैंक और 20 सैन्य वाहन तबाह कर दिये हैं। बायरक्तार टीबी-2 ड्रोन तुर्की का मीडियम एल्टीट्यूड और लंबे समय तक उड़ान भरने वाला अनमैन्ड एरियल व्हीकल है। इसे रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जाता है। यह ड्रोन ऑटोमैटिक भी संचालित हो सकता है। इसे तुर्की की कंपनी बायकार डिफेंस बनाती है। बताया जाता है कि यह ड्रोन बहुत ही घातक है। आमतौर पर इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल तुर्की सेना ही करती है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में अब तुर्की भी खुलकर सामने आ गया है।
दोनों देशों के बीच तटस्थ बने रहने की कोशिश कर रहे तुर्की ने अमेरिका के दबाव में रूस के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। तुर्की अब यूक्रेन का लगातार साथ दे रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा है कि वे अंतर्राष्ट्रीय नियमों को लागू करने के लिए बाध्य हैं। तुर्की जंग में शामिल देश के सैन्य जहाजों की मेडिटेरेनियन से ब्लैक सी में एंट्री बैन कर रहा है। एर्दोगन ने कहा कि तुर्की दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को खराब नहीं करेगा। वह युद्ध को तत्काल रोकना चाहता है।
यूक्रेन छोड़कर भागे 5 लाख लोग
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार रूस-यूक्रेन जंग के चलते अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़कर बाहर निकल चुके हैं। पड़ोसी देश पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, मोल्डोवा और स्लोवाकिया सहित कई यूरोपीय देशों में शरण ले चुके हैं। यूक्रेन के पड़ोसी देशों की सीमा पर कार और बसों की लंबी कतारें लग गई हैं। हजारों लोग रोजाना अपनी संपत्ति छोड़कर पैदल ही दूसरे देशों में शरण लेने पहुंच रहे हैं। भारतीय छात्र भी बाहर निकलने के लिए परेशान हैं।
भारत भेज रहा राहत सामग्री
जंग से बिगड़ते हालातों को देखते हुए अब भारत, यूक्रेन की मदद के लिए आगे आया है। मंगलवार को भारत से राहत सामग्री की पहली खेप यूक्रेन रवाना की जाएगी। यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की गई थी। इस बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने राहत सामग्री भेजने का निर्णय लिया है। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत जंग में फंसे अपने पड़ोसी और विकासशील देशों के लोगों की मदद जारी रखेगा। भारतीयों को निकालने के लिए तेजी लायी गयी हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले भारत में यूक्रेन के दूत इगोर पोलिखा ने भारत से राहत सामग्री भेजने की अपील की थी।