भारत और चीन (India-China) में लद्दाख सीमा (Ladakh border) को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद जारी है. दोनों देश कई बार इस खिंचातनी को खत्म करने के मकसद से उच्च स्तरीय बैठक भी कर चुके हैं. लेकिन इसका कोई खास नतीजा नहीं निकल पाया है. लेकिन इसी बीच आज एक बार फिर दोनों के बीच चुशूल में कोर कमांडर स्तरीय 8वीं बैठक की जा रही है. बैठकों के बीच ही भारत (India) की तरफ से चीन को कड़ी चेतावनी जारी कर दी गई है. भारत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वो LAC पर किसी भी तरह की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर चीन की ओर से कोई नई रणनीति या फिर चालबाजी की गई तो भारत अपनी जमीन की रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने से पहले सोचेगा नहीं.
जनरल बिपिन रावत की चेतावनी
दरअसल CDS जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कड़े शब्दों में चीन को उसके अंदाज में जवाब देते हुए कहा है कि, ‘LAC पर तनाव कम नहीं हुआ है. हालांकि दोनों देशों की सेनाएं इस खिंचातनी को कम करने के लिए बार-बार बातचीत का सहारा ले रही हैं. क्योंकि हमें डिफेंस डिप्लोमेसी की क्या अहमियत होती है उसके बारे में जानकारी है. इसलिए हमने मिलिट्री डिप्लोमेसी बेहतर तरीके से की है.’ इसके साथ ही रावत ने ये भी कहा कि, अभी तक चीन को इस बात का अंदाजा तक भी नहीं है कि भारत किस लहजे में जवाब दे सकता है. अगर चीनी सेना (PLA) ने लद्दाख में किसी भी तरह की छेड़खानी करने का प्रयास किया तो उसे भारतीय सेना (Indian Army) करारा सबक सिखाने से कतई पीछे नहीं हटेगी.
LAC पर बदलाव मंजूर नहीं
इसके साथ अपने आगे के बयान में जनरल रावत ने चीन को ये भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत LAC पर कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं करेगा. इसलिए चीनी सैनिकों को 5 अप्रैल से पहले अपनी पोजिशन पर वापस लौटना होगा. क्योंकि हमें कोई और तरीका बिल्कुल भी मंजूर नहीं है. यही नहीं बिपिन रावत ने भी बताया कि सीमा की स्थिति पर हम अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं. साथ ही देश के सैनिकों को और घातक बनाने के लिए उनके ज्वॉइंटनेस पर लगातार काम किया जा रहा है. उनका विभाग देश की पहली Martime Theatre Command और Air Defence Command बनाने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है.