सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बुलडोजर एक्शन पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और सड़कों पर किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना चाहिए। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यह आदेश सभी धर्मों के लोगों पर लागू होगा।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। फिर चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय का हो। मंदिर या दरगाह या गुरुद्वारा, अगर सड़क के बीच कोई धार्मिक ढांचा है तो यह जनता के लिए बाधा नहीं बन सकती।
अदालत ने कहा कि अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ एक कानून होना चाहिए और यह धर्म पर निर्भर नहीं होना चाहिए। पीठ ने कहा कि चाहे वह मंदिर हो या दरगाह हो, सड़क, जलमार्ग या रेल ट्रेक को अवरोध कर रहे किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना जरूरी है।
गौरतलब है कि 17 सितंबर को पीठ ने कहा था कि उसकी अनुमति के बगैर एक अक्टूबर तक आरोपियों समेत अन्य लोगों की संपत्तियों को नहीं गिराया जाएगा। पीठ ने कहा था कि अगर अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला है तो यह हमारे संविधान के ‘मूल्यों’ के खिलाफ है।
न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि उसका आदेश सड़कों, फुटपाथ, रेलवे लाइन या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बने अनधिकृत ढांचों पर लागू होगा और साथ ही उन मामलों पर भी लागू होगा जिनमें अदालत ने ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है।