भारत में मंकी पाक्स की एंट्री हो चुकी है। इससे संक्रमित एक मरीज के सामने आने के बाद उसे आइसोलेट कर दिया गया है। जिसके बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
खबर है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने संदिग्धों की स्क्रीनिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की हिदायत दी है। खास बात है कि WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन मंकी पॉक्स को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। इस बीमारी से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें वायरल इन्फेक्शन की स्क्रीनिंग में तेजी और हालात पर नजर बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि, अधिकारियों ने चिंता नहीं करने की बात कही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा, ‘यात्रा संबंधी आइसोलेशन मामलों से निपटने के लिए देश पूरी तरह से तैयार है।’स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के संदिग्ध केस की जानकारी दी थी।
जानकारी के अनुसार शख्स विदेश से भारत लौटा था। सरकार ने बताया था कि मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया था कि मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है, ताकि Mpox की मौजूदगी की पुष्टि हो सके। मंत्रालय ने कहा,‘मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है, और संभावित स्रोतों की पहचान करने तथा देश के भीतर के प्रभाव का आंकलन करने के लिए संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाना जारी है।’सरकार ने कहा कि यह राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए पहले के जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है। पिछले महीने दूसरी बार मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में घोषित किया था, क्योंकि यह अफ्रीका के कई हिस्सों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ द्वारा 2022 में पीएचईआईसी घोषित किए जाने के बाद से भारत में इस बीमारी के 30 मामले सामने आए हैं। इससे संक्रमित आखिरी मामला इस साल मार्च में सामने आया था।
विश्व स्वस्थ्य संगठन के पहले के बयान के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं जिनमें से 208 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल संक्रमितों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी।