सशस्त्र बलों (armed forces) में महिला सैनिकों (female soldiers), नाविकों और वायु सैनिकों को मातृत्व, बाल देखभाल और बच्चा गोद लेने के अवकाश (Holiday) उनके अधिकारी समकक्षों के समान मिलेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने अवकाश के नियमों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नियम जारी होने के साथ ही सेना में कार्यरत सभी महिलाओं को इस तरह की छुट्टियां दी जाएंगी। छुट्टी के नियम सब पर समान रूप से लागू होंगे चाहे वह अधिकारी हों या कोई भी सामान्य रैंक की कर्मी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के रक्षामंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। छुट्टी के नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों से संबंधित महिला-विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों से निपटने में आसानी होगी। यह उपाय सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार करेगा और उन्हें पेशेवर तथा पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों को बेहतर तरीके से संतुलित करने में सहायता करेगा।
दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में परिचालन रूप से तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान पर हावी होने तक, भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं।
2019 में भारतीय सेना के सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती के माध्यम से एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गई। इसके बाद अग्निवीर योजना के जरिये महिला जवानों की भर्ती नौसेना एवं वायुसेना में भी हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हमेशा से यह विचार रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अपने पुरुष समकक्षों के बराबर होना चाहिए।