विदेश से संचालित (operated from abroad) होने वाले कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत तहरीर (एचयूटी) (Radical organization Hizb ut Tahrir (HUT)) के कथित आतंकवादी (Terrorist) भारत में हिंदू नेताओं की सभाओं (Meetings of Hindu leaders) और धार्मिक स्थलों (Religious places) पर बड़े धमाके करके देश को दहलाने की साजिश रच रहे थे। यह धमाके मध्यप्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले करने की तैयारी कर रहे थे। इस संबंध में उनके आका विदेशों से उन्हें कोड वर्ड में संदेश देते थे। उच्च तकनीक का उपयोग कर ये आतंकवादी अपने आकाओं के लगातार संपर्क में रहते थे। यह भारत की सामाजिक समरसता और कौमी सौहार्द्र को बिगाडऩे का पूरा षड्यंत्र रच रहे थे। अगर सुरक्षा एजेंसियां इन्हें गिरफ्तार नहीं करती तो ये सिलसिलेबार धमाके भी कर सकते थे।
यह खुलासा जांच पूरी होने के बाद हुआ है। आतंकी गतिविधियों की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए ने भोपाल के विशेष अदालत में एचयूटी के 17 कथित आतंकवादियों के खिलाफ चालान पेश (Challan presented against terrorists) कर दिया है। चालान में गिरफ्तार सभी 17 एचयूटी के सदस्यों को आरोपी बनाया गया है। इनके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों और धर्मांतरण सहित कई गंभीर अपराध करने की पुष्टि हुई है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में एचयूटी के आतंकवादियों द्वारा हिंदू नेताओं की सभाओं में बड़े बम धमाके करने और धार्मिक स्थलों के निशाना बनाकर उन्हें धमाके से उड़ाने और बड़ी संख्या में लोगों की जान लेने की योजना थी। ज्ञात हो कि भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना के हैदराबाद से मप्र एटीएस और एनआईए ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एचयूटी के 16 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। बाद में तेलंगाना से एक अगस्त को एक और आतंकवादी गिरफ्तार किया गया।
धमाके करने बनाई थी जिहादी गैंग
इस पूरे मामले में भोपाल जिले के बैरसिया निवासी सौरभ भारद्वाज जो धर्म परिवर्तित कर मोहम्मद सलीम बन गया और उसे एचयूटी में आतंकियों के संपर्क में लाने वाला छिंदवाड़ा निवासी आतंकवादी प्रमुख बताए जा रहे हैं। सौरभ बैरसिया का रहने वाला था और वर्षों से हैदराबाद में रह रहा था। चार्जशीट में बताया गया है कि आतंकियों ने अपने पास नेताओं की पूरी सूची रखी थी। इसमें धमाका करने के लिए जिहादी गैंग भी बनाई थी। आरोपियों ने कैंप लगातार कई जगहों पर हथियारों की ट्रेनिंग ली थी। नौ मई को ताबड़तोड़ कार्रवाई करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तीन माह में जांच पूरी करके चालान पेश कर दिया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एटीएस ने बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस और भड़काऊ साहित्य बरामद किया था।