पूर्वी लद्दाख में पिछले साल विवाद होने के बाद से ही भारतीय सेना चीन की हर छोटी बड़ी मूवमेंट को गहराई से मॉनिटर करती है और अपनी मिरर डिप्लॉयमेंट भी इसी आधार पर करती है ताकि चीन के सरप्राइज को काउंटर सरप्राइज दिया जा सके, लेकिन अब चीन ने नया ही पैंतरा अजमया है. चीन अब अपनी मूवमेंट को भारतीय सेना के सर्विलांस सिस्टम की नजर से बचाकर करने में जुटा है. चीन लद्दाख में अपने नेविगेशन सिस्टम बीदॉ (Chinese Navigation System Beidou) का बड़ी ही सावधानी से इस्तेमाल कर रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 24 सिंतबर से 15 अक्टूबर के बीच चीनी नेविगेशन टर्मिनल की सक्रियता कम देखी गई है. इसका मतलब ये नहीं की चीन के नेविगेशन सिस्टम में कोई खराबी है, बल्कि वो भारतीय सेना की नजर से बचकर उत्तरी सीमा पर अपनी सेना की मूवमेंट करा रहा है और इसीलिए अपने सारे नेविगेशन सिस्टम बंद करके मूवमेंट कर रहा है ताकि एक बार फिर से भारत को ईस्टर्न लद्दाख में सरप्राइज कर सके और भारत को चीन की तैनाती की जानकारी ना मिल सके.
जानकारों की मानें तो चीनी सेना इस बीदॉ टर्मिनल का पिछले कुछ समय से बहुत ही चुनिंदा मौकों पर या ना के बराबर इस्तेमाल कर रही है और जब भी कर रही है तो सिर्फ इस बात की जानकारी साझा की जा रही है कि मूवमेंट की सटीक लोकेशन तक पहुंच बनाई जा सके. मतलब साफ है कि चीन के नेविगेशन सिस्टम ठीक हैं और वो इनका इस्तेमाल मूवमेंट के लिए नहीं बल्कि तैनाती कंफर्मेशन के लिए करता है.
एलएसी पर सैटेलाइट, ड्रोन, ग्राउंड रडार स्टेशन और सैंसर से चीन पर नजर
उधर, चीन की हर हलचल पर भारतीय सेना भी अपनी पैनी नजर रखे हुए है और अपने सर्विलांस के जरिए ड्रैगन की बीदॉ नेविगेशन सिस्टम के कम इसेतमाल को भी पकड़ लिया. इस वक्त भारतीय सेना पूरे एलएसी के इलाकों में सैटेलाइट, ड्रोन, ग्राउंड रडार स्टेशन और सैंसर के जरिए नजर बनाए हुए है. इसके अलवा भारत ने हाल ही में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर अपनी सय्यरुजीत ब्रिगेड को उतारकर और अभ्यास करके चीन को ये संदेश भी दे दिया की भारत कभी भी और किसी भी ऊंचाई पर तेजी के साथ अपनी तैनाती कर सकता है.