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भगवान जगन्नाथ के बीमार होने पर बंद किए गए कपाट, 15 दिनों तक नहीं कर सकेंगे दर्शन

देश की तीन सबसे पुरानी व बड़ी रथयात्राओं में पन्ना(Panna) की रथयात्रा भी शामिल है। ओडिशा(Odisa) के जगन्नाथपुरी की तर्ज पर यहां आयोजित होने वाले इस भव्य धार्मिक समारोह में राजसी ठाट-बाट और वैभव की झलक देखने को मिलती है। रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने समूचे बुन्देलखण्ड(Bundelkhand) क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुँचते हैं।

भगवान जगन्नाथ के भक्तों का इंतजार अब खत्म हो गया है। बुंदेलखंड (Bundelkhand) में आज से भगवान की रथयात्रा शुरू हो गयी है। पन्ना में ये यात्रा 168 साल से निकाली जा रही है लेकिन कोरोना के कारण इस बार परंपरा में कुछ बदलाव किया गया। भक्तों को बिना कोविड टेस्ट के प्रवेश नहीं दिया गया। वहीं परंपरा के मुताबिक भगवान जगन्नाथ को लू लग गयी है और अब मंदिर के पट 15 दिन तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।

बीमार हुए भगवान जगन्नाथ

बता दें कि ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर की तर्ज पर पन्ना में भी हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है। पन्ना जिले में भगवान जगन्नाथ स्वामी का प्राचीन मंदिर है। यहां भगवान जगन्नाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ विराजमान हैं। परंपरा के अनुसार रथयात्रा के पहले भगवान को धूप में स्नान कराने से लू लग जाती है और वो बीमार पड़ जाते हैं।

वहीं भगवान के बीमार होने पर उनकी दिनचर्या और भोजन व्यवस्था भी बदल दी जाती है। ठीक होने तक उन्हें रोज वैद्य दवा देते हैं। इस दौरान मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहते हैं।