प्रशासनिक अधिकारियों की बदजुबानी और लापरवाही से तंग आकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के एक नेता ने जान दे दी है. मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले का है. सहसवान तहसील क्षेत्र के रहने वाले बसपा नेता हरवीर सिंह ने तहसील परिसर में ही सल्फास की गोलियां खा ली. इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. बीएसपी नेता ने दो पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है और पूरे मामले के लिए एसडीएम और रजिस्ट्रार कानूनगो को जिम्मेदार ठहराया है. मीडिया से दोषी दोनों अधिकारियों को सजा दिलवाने की गुहार भी लगाई है. इसके अलावा हरवीर सिंह ने अपने करीबी को सल्फास खा लेने की बात बताई थी, जिसका ऑडियो भी वायरल हो रहा है.
क्या है पूरा मामला
पुलिस को दी गई तहरीर में मृतक बसपा नेता के भाई जय वीर सिंह ने बताया है कि गांव रसूलपुर डांस का रहने वाला हरवीर बीएसपी का तहसील अध्यक्ष था. साल 2006 में उसको जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था. जिसको संक्रमणीय भूमिधर में दर्ज कराने के लिए वह तहसील के चक्कर लगा रहा था. रजिस्ट्रार कानूनगो और एसडीएम उससे 50 हजार रिश्वत मांग रहे थे. मृतक के भाई का आरोप है कि शनिवार को एसडीएम सहसवान ने उसके साथ बदसलूकी की और जेल भेज देने की धमकी दी. हरवीर इस व्यवहार से इतना दुखी हुआ कि उसने तहसील परिसर में ही सल्फास खा ली. उसने खुद अपने परिजनों को जहर खा लेने की बात फोन पर बताई. आनन फानन में उसे अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. बसपा नेता हरवीर ने सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने एसडीएम और रजिस्ट्रार कानूनगो को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इस घटना पर बदायूं के एसएसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी ने संबंधित कानूनगो को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच एडीएम राजस्व-वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह को सौंप दी है.