कर्नाटक पुलिस (Police) ने शिवमोगा में 20 फरवरी को हुई बजरंग दल (Bajrang Dal) कार्यकर्ता की हत्या के मामले में गिरफ्तार 10 लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), 1967 की धाराएं लगाई हैं। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि हत्या के पीछे किसी बड़ी साजिश का संदेह है। UAPA के प्रावधान आमतौर पर उन मामलों में लागू होते हैं जहां राष्ट्रीय अखंडता को निशाना बनाने की साजिश का संदेह होता है। UAPA के तहत 30 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है, जबकि चार्जशीट फाइल करने के लिए सामान्य मामलों में 90 दिनों के बजाय 180 दिन का समय देता है। इस कानून के कारण जमानत मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
जेल में बंद था एक आरोपी
हर्ष की हत्या में उन लोगों के एक गुट ने की थी, जिनके साथ उसका 2016 से कथित तौर पर झगड़ा हुआ था। आरोपी 10 लोगों में से एक 30 वर्षीय मोहम्मद काशिफ 2017 में हर्ष के साथ जेल में था। कई अन्य आरोपी जिन्होंने कथित तौर पर उनकी सहायता की थी, उनके खिलाफ मारपीट, चोरी और लूट के कई मामले दर्ज हैं।
हिजाब विवाद में हुई थी हत्या
सूत्रों के अनुसार हर्ष और हमलावरों में से एक के बीच करीब छह महीने पहले एक अदालत परिसर में हुई झड़प का नतीजा हो सकती है। हालांकि, पुलिस एक बड़ी साजिश की जांच कर रही है, खासकर यह देखते हुए कि अपराध हिजाब प्रतिबंध विवाद के बीच हुआ था।