राजधानी दिल्ली में आए दिन फर्जी कॉल सेंटर के मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो और फेक कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 97 लोगों को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस फेक कॉल सेंटर के जरिए यूएस के नागरिकों को चूना लगाया जा रहा था. क्राइम ब्रांच के ज्वॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली थी कि राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में एक फेक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जिसके जरिए यूएस के नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने कीर्ति नगर इलाके में चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारा और जब वहां छानबीन की गई तब पुलिस को पता चला कि ये कॉल सेंटर फर्जी तरीके से चलाया जा रहा है.
इतना ही नहीं, जांच करने के बाद पुलिस को पता चला कि इसी कॉल सेंटर की एक और ब्रांच दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में चल रही है. पुलिस ने वहां भी छापेमारी की. दोनों कॉल सेंटर से पुलिस ने 97 लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें 20 महिलाएं भी शामिल हैं. क्राइम ब्रांच के मुताबिक फेक कॉल सेंटर को चलाने वाले मुख्य जो लोग हैं वह 9 लोग हैं. इसके अलावा 88 कर्मचारी इस फेक कॉल सेंटर में काम कर रहे थे, जिन्हें पता था कि वह यूएस के नागरिकों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
ठगी करने का तरीका
क्राइम ब्रांच के ज्वॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि इनका ठगी करने का तरीका बेहद अलग था. फेक कॉल सेंटर में काम कर रहे कर्मचारियों के पास यूएस के नागरिकों का सोशल सिक्योरिटी नंबर का एक डाटा होता था. पुलिस के मुताबिक कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारी यूएस के नागरिकों को फोन करते थे और उन्हें बताते थे कि वह सोशल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से बोल रहे हैं और यूएस नागरिकों को बताया जाता था कि आपके अकाउंट से गलत तरीके से ट्रांजैक्शन की गई है और आपका जो सोशल सिक्योरिटी नंबर है उसे ब्लॉक किया जा सकता है, आप एजेंसीज की नजर में है.
पुलिस के मुताबिक जो लोग इनके झांसे में आते थे तब उनसे पूछते थे कि आखिरकार अब क्या करना है, तब यूएस के नागरिकों को बताया जाता था कि आप को एक गिफ्ट वाउचर खरीदना है और उसका कूपन कोड और पिन नंबर हमें बता दीजिए और बाद में आपका पैसा आपको मिल जाएगा. सिर्फ यही एक तरीका है जिससे आप बच सकते हैं, नहीं तो आपका कार्ड सस्पेंड कर दिया जाएगा.
सिक्योरिटी नंबर
यूएस के नागरिक इस डर की वजह से कि उनका सोशल सिक्योरिटी नंबर ब्लॉक किया जा सकता है तो वह कूपन खरीद कर उसका कोड और पिन नंबर कॉल सेंटर में बैठे लोगों को दे देते थे. उसके बाद कॉल सेंटर में बैठे लोग कूपन कोड और पिन के जरिए पैसा निकाल लेते थे. क्राइम ब्रांच के मुताबिक पैसा हवाला के जरिए लिया जा रहा था. पुलिस के मुताबिक यह दोनों फेक कॉल सेंटर करीब 5 महीने से चलाए जा रहे थे और एक बड़े पैमाने पर यूएस के नागरिकों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया जा रहा था.
पुलिस के मुताबिक अब उस शख्स की तलाश की जा रही है जो इस फेक कॉल सेंटर को यूएस के नागरिकों का डाटा मुहैया करवा रहा था. इतना ही नहीं, यह भी पता करने की कोशिश की जा रही है कि इन 5 महीनों में इस फेक कॉल सेंटर ने कितने नागरिकों को चुना लगाया और कितने का चूना लगाया. क्राइम ब्रांच की मानें तो यूएस के नागरिकों को फोन इंटरनेशनल नंबर से ही किया जाता था. यही वजह है कि उन्हें यह नहीं पता चल पाता था कि यह कॉल भारत से किया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक जांच में यह भी सामने आ रहा है कि क्रिप्टोकरंसी के जरिए भी पेमेंट ली गई है उसकी भी जांच की जा रही है. क्राइम ब्रांच के मुताबिक जो कर्मचारी इस फेक कॉल सेंटर में काम कर रहे थे उनको बकायदा इंग्लिश की ट्रेनिंग भी इसी कॉल सेंटर के अंदर दी जाती थी यानी कि अमेरिका में बैठे नागरिकों के साथ अमेरिकन एक्सेंट में किस तरीके से बात करनी है वह भी कॉल सेंटर के अंदर ही सिखाया जाता था.