चीन (China) में तबाही मचाने (wreak havoc) वाले कोविड के सब वैरिएंट बीएफ.7 (Covid Sub Variant BF.7) के चार मामले (Four cases) अब पश्चिम बंगाल (West Bengal) में पाए गए हैं। इनमें से तीन एक ही परिवार के लोग हैं। संक्रमित पाए गए सभी लोग हाल ही में अमेरिका से लौटे (returned from America) थे। 29 दिसंबर 2022 को उनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के लिए भेजे गए थे। कुछ दिन पहले ही कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो विदेशी कोविड पॉजिटिव मिले थे। स्वास्थ्व विभाग के कर्मचारियों ने बताया था कि उनमें से एक ब्रिटिश नागरिक था। वह कुआलालमपुर के रास्ते ऑस्ट्रेलिया से भारत आई थी और बोध गया जाना चाहती थी। महिला को कोलकाता के इन्फेक्शस डिजीजेज ऐंड बीजी हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया था।
पश्चिम बंगाल की क्या है तैयारी
कोरोना से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने 6 पॉइंट प्लान बनाया है। इसके तहत कुछ अस्पतालों को कोविड के उपचार के लिए अलग किया गया है। इसके अलावा टेस्टिंग के लिए बड़ी संख्या में किट खरीदी गई हैं। अगर केस बढ़ते हैं तो तत्काल कोलकाता के बीजी अस्पताल, शंभु नाथ पंडित हॉस्पिटल और एमआर बांगुर अस्पताल में मरीजों को शिफ्ट किया जा सकता है। देश में अब चीन समेत कुछ अन्य देशों से आने वाले लोगों पर खास नजर रखी जा रही है। बीएफ.7 वही वेरिएंट है जिसने इस समय चीन में हाहाकार मचा रखा है।
यूपी में भी युवक मिला संक्रमित
उत्तर प्रदेश में भी अमेरिका से लौटा एक युवक कोरोना संक्रमित पाया गया है। हालांकि वेरिएंट की अभी पुष्टि नहीं हुई है। वह शख्स यूपी के आगरा का रहने वाला है और पढ़ाई के लिए अमेरिका गया था। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक आने के बाद उसकी ततबीयत बिगड़ने लगी थी। जब सैंपल जांच के लिए भेजा गया तो उसे कोरोना संक्रमित पाया गया। इसके बाद शख्स को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।
बता दें कि ग्लोबल हेल्थ एजेंसी डब्लूएचओ ने कोरोना के नए खतरे से आगाह किया है। अमेरिका में जो सब वेरिएंट तबाही मचा रहा है उसके भी केस भारत में मिले हैं। भारत में सब वेरिएंट XXB.1.5 के 9 मामले मिल चुके हैं। इनमें से चार कोलकाता, 3 गुजरात के हैं। बाक एक एक केस कर्नाटक और राजस्थान का है। उधर रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन के शंघाई की 70 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हो चुकी है। यहां के श्मशान में हर दिन पांच गुना लाशें आ रही हैं। वहीं चीन सच्चाई मानने को तैयार ही नहीं है। वह दुनिया के सामने कोरोना के आंकड़े नहीं रख रहा है।