पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) का अध्यक्ष पद को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के लिए पत्ते नहीं खोल रही है। लुधियाना में स्थित नवजोत सिंह सिद्धू के घर पर उनके समर्थक मिठाइयां बांट रहे हैं और साथ में जश्न मना रहे हैं। हालांकि, अब तक सिद्धू को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। यहां तक कि सिद्धू को बधाई देते हुए पोस्टर भी लगा दिए गए हैं, मगर उसमें से सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फोटो नहीं लगी है। वहीं दूसरी तरफ चंडीगढ़ में भी कांग्रेस ऑफिस के बाहर भी सिद्धू के समर्थक जश्न मनाने पहुंच चुके हैं और उन्हें घोषणा का इंतजार है।
बता दें पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उत्तर प्रदेश में जहां पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं तो वहीं पंजाब में कांग्रेस में रार का माहौल चल रहा है। नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच खेल लगातार जारी है। लगातार बैठक का दौर चल रहा है। यहां तक कि सुलह के सभी रस्ते बंद होते नजर आ रहे हैं।
हरीश रावत ने कहा था ये
तीन दिन पहले कांग्रेस नेता हरीश रावत ने पंजाब से एक खुशखबरी आने की बात कही थी, जिसके बाद रावत ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने कि तरफ इशारा भी दिया था। यह संकेत मिलते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थक भड़क गए थे, जिसके बाद हरीश रावत और सोनिया गांधी की एक मीटिंग भी हुई। जिसके बाद हरीश रावत ने एक बार फिर से यू-टर्न ले लिया था।
सिद्धू की विधायकों और मंत्रियों की मीटिंग
सिद्धू ने रात को विधायकों के साथ बैठक की। चंडीगढ़ में सिद्धू के साथ 5 मंत्रियों और लगभग 10 विधायकों की बैठक हुई। सिद्धू की मीटिंग के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी मोहाली के सिसवां स्थित अपने फॉर्म हाउस पर विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की बैठक बुलाई, जहां आगे की रणनीति पर बातचीत हुई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देर रात नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्रियों और विधायकों के साथ की गई मीटिंग को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह बहुत नाराज थे। कैप्टन को खबर मिली थी कि नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मीटिंग में मौजूद मंत्रियों और विधायकों को कैप्टन के खिलाफ इस्तीफा देने के लिए भड़काया है। इसी वजह से देर रात मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की फोन पर लंबी चर्चा हुई। कैप्टन और हरीश रावत की बातचीत के बाद आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को समन भी किया।
कमलनाथ ने की थी सोनिया से मुलाकात
सूत्रों के अनुसार कैप्टन अमरिंदर सिंह अब भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि यदि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया तो कांग्रेस दो हिस्सों में बंट जाएगी। वहीं, कुछ दिन पहले सोनिया गांधी और कमलनाथ के बीच भी मीटिंग हुई थी।
सूत्र के अनुसार उस मीटिंग का मुख्य मुद्दा भी पंजाब कांग्रेस में मची खींतचान ही था। कमलनाथ ने मीटिंग में सिद्धू को बड़ा पद दिए जाने का जमकर विरोध किया था। कमलनाथ ने कहा कि यदि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो दरार और जंग बढ़ जाएगी। कमलनाथ पहले पंजाब के प्रभारी रहे हैं और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बहुत ही करीबी माने जाते हैं।
इस मीटिंग में कई मंत्रियों ने सीएम से यह भी कह दिया था कि जिस प्रकार से सिद्धू हमला कर रहे हैं, उससे यह ही आभास होता है कि पार्टी हाईकमान उनके साथ है। माना जा रहा है कि यही वजह है कि कांग्रेस हाईकमान ने चुप्पी साध रखी है। अहम बात यह है कि रंधावा पहले ऐसे मंत्री है जो सिद्धू के करीबियों के खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच के बावजूद सिद्धू के समर्थन में आए हैं, जबकि सिद्धू को पार्टी से निकालने के लिए आधा दर्जन से अधिक मंत्री लामबंद हो चुके हैं।