देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण की तीसरी लहर लगभग आ चुकी है। चुनावी रैलियों में जुट रही भीड़ हर राजनीतिक पार्टी के लिए चुनौती है और अब पंजाब कांग्रेस ने इसका तोड़ निकाला है। पंजाब में जन-जन तक पहुंचने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियां करने की बजाय पार्टी ने अब वही फॉर्म्युला अपनाने का फैसला किया है, जिसपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस हमेशा से ही काम करता रहा है। दरअसल, रविवार को पंजाब चुनाव के लिए बनी कैंपेन कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि पार्टी अब आरएसएस की तरह ही जमीनी स्तर पर काम करेगी और निजी तौर पर मतदाताओं के संपर्क में जाएगी।
कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे। इस दौरान यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस अब बड़ी रैलियां करने की बजाय बूथ स्तर पर कोरोना नियमों का पालन करते हुए लोगों से मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने इसकी जानकारी दी। बैठक में निर्णय लिया गया कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अब कोरोना नियमों का पालन करते हुए बूथ स्तर पर बैठकों का आयोजन करेंगे, मास्क पहनेंगे और लोगों से मिलेंगे। इस दौरान छोटी-छोटी सभाएं भी आयोजित की जाएंगी। इससे बड़ी रैलियों की जरूरत घटेगी। फिलहाल के लिए, कांग्रेस यह देख रही है कि पंजाब में ओमिक्रॉन का क्या असर होता है। संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए बड़ी रैलियों पर बाद में विचार किया जाएगा। इसके अलावा कांग्रेस यह भी देखेगी कि बाकी पार्टियां कैसे अपना चुनावी अभियान चला रही हैं।
सूत्र ने यह भी बताया कि मीटिंग में सिद्धू और चन्नी लगातार एक-दूसरे की तारीफ कर रहे थे। इस दौरान कई बार ऐसा लगा कि दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता अब थम गई है। कमेटी ने यह भी फैसला लिया कि पार्टी जनता के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में किए गए कामों को भी ले जाएगी।
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि क्या पार्टी चन्नी के तीन महीने के कार्यकाल के कामों को जनता तक पहुंचाएगी। हालांकि, बाद में यह फैसला लिया गया कि पार्टी किसानों की कर्जमाफी, पेंशन और शगुन स्कीम में सुधार जैसे उन कामों को भी जनता तक पहुंचाएगी, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यकाल में हुए थे। पार्टी का कहना है कि ये काम भी कांग्रेस सरकार ने किए थे। पार्टी ने यह भी फैसला किया है कि सब मिलकर चुनाव प्रचार करेंगे। बिलबोर्ड्स, पोस्टरों पर सभी अहम नेताओं की तस्वीरें होंगी।