देश में 7 से 11 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का इंतजार जल्द खत्म होने जा रहा है। पुणे स्थित भारती विद्यापीठ मेडिकल कालेज और अस्पताल में बच्चों के लिए कोवोवैक्स वैक्सीन (Covovax Vaccine) के दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो गया है। कोवोवैक्स वैक्सीन का ट्रायल 7 से 11 साल के बच्चों पर किया जा रहा है। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा. संजय लालवानी ने बताया कि बुधवार को 7 से 11 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स के 2/3 फेज का ट्रायल शुरू किया गया है। इस वैक्सीन के ट्रायल में 9 बच्चों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
पुणे स्थित भारती विद्यापीठ मेडिकल कालेज और अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डा. संजय लालवानी ने बताया कि जो माता-पिता अपने बच्चे का ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं, उन्हें स्थानीय स्थानीय भाषा में परामर्श दिया जाता है और दृश्य-श्रव्य परामर्श प्रक्रिया का दस्तावेजीकरण किया जाता है। एक बार जब माता-पिता अपनी सहमति दे देते हैं, तो स्वयंसेवक(वालंटियर) का आरटी-पीसीआर टेस्ट और एक एंटीबाडी टेस्ट किया जाता है। हालांकि, यह उन्हें ट्रायल का हिस्सा बनने से नहीं रोकता है। इस फेज के ट्रायल के लिए पूरे भारत में 9 सेंटर्स की पहचान की गई है, जिसमें भारती विद्यापीठ मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी शामिल है।
बच्चों पर ट्रायल के लिए तीसरी वैक्सीन है ‘कोवोवैक्स’
बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन का ट्रायल भारत में शुरू हुआ और इस उम्र के बच्चों के लिए रजिस्ट्रेशन की उम्र 2 साल से लेकर 17 साल के बीच है। कोवोवैक्स वैक्सीन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन(Covaxin) और जायडल कैडिला(Zydus Cadila) की जायकोव-डी(ZyCoV-D) के बाद बच्चों पर ट्रायल किए जाने वाली तीसरी कोविड वैक्सीन है। भारत की केंद्रीय औषधी मानक नियंत्रण संगठन की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने सिफारिश की थी कि सीरम कंपनी को 7 से 11 साल की आयु के बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के ट्रायल की इजाजत दी जानी चाहिए। जिसे मान लिया गया।