बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान की तरफ एक बार फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। तेजस्वी ने पहले चिराग को साथ आने का ऑफर दिया और अब उनकी पार्टी 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी। इस मौके पर पार्टी दफ्तर में उनकी फोटो पर पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता माल्यार्पण करेंगे। दिलचस्प बात ये है कि उसी दिन राजद का स्थापना दिवस भी है तो उससे संबंधित कार्यक्रम उसके बाद होंगे।
दिवंगत सांसद की जयंती मनाने का यह निर्णय गुरुवार को राजद कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी में हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में लिया गया। इससे पूर्व बुधवार को पटना पहुंचते ही तेजस्वी यादव ने यह कहते हुए चिराग को साथ आने का आमंत्रण दिया था कि वो तय करें कि अब उन्हें किधर रहना है। बिहार वापसी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष सक्रिय हो गए हैं।
गुरुवार की दोपहर वे वीरचंद पटेल मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं संग आगामी पांच जुलाई को होने वाले पार्टी के 25वें स्थापना दिवस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर चर्चा की। सुबह 11 बजे से होने वाले स्थापना दिवस समारोह से पूर्व पार्टी कार्यालय में पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती मनेगी। उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने इस बैठक की तस्वीर भी अपने ट्विटर पर साझा की। स्थापना दिवस कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ दिल्ली से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद दीप जलाकर करेंगे। वहीं पटना में तेजस्वी यादव यादव प्रज्ज्वलित करेंगे। राजद का स्थापना दिवस समारोह वर्चुअल होगा। पांच जुलाई को राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के विधायक, विधान पार्षद पूर्व विधायक, विधानसभा प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता 25-25 पौधे लगाएंगे।
बता दें कि राजद की स्थापना पांच जुलाई 1997 को नई दिल्ली में हुई थी। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, डॉ. तनवीर हसन, शिवचंद्र राम, सुरेश पासवान, विनोद कुमार श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह, प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव तथा कार्यालय सचिव चंदेश्वर प्रसाद सिंह उपस्थित थे।