अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद आतंकवाद का खतरा और बढ़ गया है। अफगानिस्तान के मसले पर गुरुवार को भारत सरकार ने सर्वदलीय बैठक की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में विदेश मंत्रालय की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान की स्थिति से अवगत कराया। सरकार ने बताया है कि वह अभी वेट एंड वॉच के मोड में है लेकिन मुख्य फोकस लोगों को वहां से निकालने पर है। भारतीय लोग अभी भी काबुल में फंसे हैं जिनका निकाला जा रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक में बताया कि अफगानिस्तान में हालात काफी खराब हैं। एयरपोर्ट पर जाने वाले रास्तों पर बड़ी चुनौतियां हैं। भारत का लक्ष्य अपने लोगों को जल्द निकालने पर है।
उन्होंने बताया कि तालिबान ने अमेरिका के साथ दोहा में जो वादा किया था, उसे तालिबान ने पूरा नहीं किया है। तालिबान की क्रूर स्थितियों से देश की हालत और बिगड़ गयी हैं। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने भी इस बैठक में प्रेजेंटेशन दी। उन्होंने सरकार की ओर से बताया गया है कि अफगानिस्तान में भारत सरकार की हेल्प डेस्क पर करीब 15 हजार लोगों ने संपर्क किया। पूरी दुनिया अभी भी तालिबान को लेकर वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपना रही है, भारत भी अभी इस मोड में है। सभी राजनीतिक दलों ने अफगानिस्तान से भारतीयों को निकाले जाने के प्रयासों की तारीफ की है। भारत सरकार अपने सामरिक और रणनीतिक नीतियों के अनुसार निर्णय लेगा।
विपक्ष के कई नेताओं ने लिया हिस्सा
ज्ञात हो कि इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल समेत सरकार की ओर से अन्य लोग शामिल हुए. जबकि विपक्ष की ओर से शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चैधरी और अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भाग में लिया। भारत की ओर से लगातार लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है। भारत पहले ही अपने दूतावास के लोगों को निकाल चुका है। अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिखों को भी भारत लाया जा रहा है।