अफगानिस्तान में हथियार के बल पर सत्ता संभालने के बाद अब तालिबान खुद को मजबूत करने की कोशिशों में लगा हुआ है। तालिबान ने अपने पड़ोसी देश को एक सख्त संदेश भिजवाया है, जिससे तनाव बढ़ गया है। तालिबान ने उज्बेकिस्तान को संदेश भेजा है कि अफगान के 46 एयरक्राफ्ट और पायलट जल्द लौटाये। तालिबान द्वारा इस तरह दबाव बनाने से अफगान पायलट डर गए हैं। ज्ञात हो कि ये अफगान सेना के वे पायलट हैं जो अफगानिस्तान पर तालिबान के पूरी तरह कब्जे (15 अगस्त) के बाद फाइटर प्लेन लेकर उज्बेकिस्तान आ गए थे। अब इन फाइटर पायलट्स को उज्बेकिस्तान के कैंप से यूएई में शिफ्ट किया जा रहा है। इन अफगान पायलट्स को यूएस आर्मी ने ही प्रशिक्षण दिया था। बताया जा रहा है कि एक डील के हिसाब से ही इनको शिफ्ट किया जा रहा है। पायलट्स का पहला दल संयुक्त अरब अमीरात के लिए निकल चुका है। अलग-अलग टुकड़ियों में इन पायलट्स को यूएई भेज दिया जाएगा।
फाइटर जेट्स पर अनिर्णय की स्थिति
अफगान सेना के पायलट तो यूएई जा रहे हैं लेकिन फाइटर विमानों का क्या होगा यह फिलहाल साफ नहीं है। काबुल से पायलट अपने साथ 46 एयरक्राफ्ट लेकर आए थे। जिसमें ए-29 लाइट अटैक प्लेन और यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर भी शामिल थे। यूएस के कुछ अधिकारियों ने बताया कि तालिबान ने उज्बेकिस्तान पर विमान और पायलट लौटाने का प्रेशर बनाया है।
ज्ञात हो कि 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के साथ ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। तालिबान ने अफगान में सरकार भी बना ली है। मुल्ला अखुंद को तालिबान ने प्रधानमंत्री बनाया गया है। तालिबान की इस सरकार को कुछ मुल्क मान्यता देने की बात कह चुके हैं लेकिन अभी तक किसी देश की ओर से मान्यता नहीं दी गयी है। मान्यता देने वालों में पाकिस्तान, चीन, कतर आदि शामिल हैं। अमेरिका और भारत अभी वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रहे हैं।