Afghanistan में सरकार बनाने की ओर अग्रसर Taliban के लिए असली संकट अब खड़ा होने वाला है। तालिबान दबाव बनाकर दुनियाभर से मान्यता मांग रहा था, लेकिन असर उल्टा हुआ। अमेरिका सहित दुनिया के 60 देशों ने उसे मिलने वाली आर्थिक मदद रोकने का ऐलान कर दिया है। सिर्फ चीन ही ‘तालिबान-चीनी; भाई-भाई’ का नारा बुलंद किए हुए है। चीन अफगानिस्तान की मौजूदा हालत के लिए अमेरिका को ही दोषी मानता है।
पहले जानें कितनी मदद रोकी गई
अफगान सरकार के अमेरिकी बैंकों के खाते सीज कर दिए गए हैं। बता दें कि अफगानिस्तान सेंट्रल बैंक के विदेशी भंडार में जमा 9 बिलियन डॉलर में से करीब 7 बिलियन डॉलर फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क के खाते में है। अमेरिका इसे पहले ही सीज कर चुका है। अगले 4 साल तक अफगानिस्तान को 12 बिलियन डॉलर देने के एक एग्रीमेंट पर 60 देशों ने साइन किए थे। अब यह पैसा नहीं मिलेगा।
सिर्फ चीन ही तालिबान को सपोर्ट कर रहा
पाकिस्तान और चीन को छोड़कर दुनिया के ज्यादातर देश तालिबान को मान्यता देने के पक्ष में नहीं हैं। चीन और पाकिस्तान ही खुलकर तालिबान की मदद को आगे आए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि तालिबान सबको साथ लेकर सरकार बना सकता है। चीन हमेशा अफगानिस्तान को लेकर दोस्ताना रवैया रखता रहा है।
तालिबान कर चुका है सरकार बनाने का ऐलान
काबुल पर कब्जा करने के 10 दिन बाद तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आगामी सरकार के प्लान का ब्लू प्रिंट तैयार है। काबुल एयरपोर्ट को छोड़कर देश में जनजीवन सामान्य हो चुका है। तालिबान जल्द सरकार बनाने जा रहा है। इसके लिए कैबिनेट तैयार है।