रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों को देश में सुरक्षित लाने को सुनिश्चित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकों और “पीड़ितों” को निकाले जाने का अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी को अफगानिस्तान से नहीं लाया जाता है. तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद भारत ने 16 अगस्त से लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की थी.
सरकार के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई से बताया कि अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत को हर दिन काबुल से दो फ्लाइट के ऑपरेशन की अनुमति मिली है. यह अनुमति अमेरिका और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) बलों द्वारा दी गई है, जिन्होंने 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ऑपरेशन अपने हाथों में लिया हुआ है.
रक्षा राज्य मंत्री ने एएनआई से कहा, “सिर्फ अपने नागरिकों को ही नहीं, बल्कि हमने पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी जाति, धर्म, वर्ग, क्षेत्र के इतर वहां से निकलने में मदद की है.” भारत ने मंगलवार को दुशांबे से 78 लोगों को वापस लाया था, जिनमें 25 भारतीय नागरिक और कई अफगान सिख एवं हिंदू शामिल हैं. वहीं इससे पहले सोमवार को अफगानिस्तान से निकालकर लाए गए 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से 4 अलग-अलग विमानों के जरिए भारत पहुंचे थे.
विरोध करने वालों को आज सीएए की अहमियत समझ आ रही होगी- भट्ट
अजय भट्ट ने आगे कहा, “जो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे थे, वो अभी अफगानिस्तान की स्थिति को देखकर इस कानून की अहमियत को जरूर समझ रहे होंगे. जिन देशों ने इस तरह का कानून लागू नहीं किया है, वहां लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. हम प्रधानमंत्री को दिल से बधाई देते हैं और इस कानून को लागू करने के लिए धन्यवाद देते हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अगस्त को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में अधिकारियों को अफगानिस्तान से सभी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने और भारत आने के इच्छुक अफगान हिन्दुओं और सिखों को शरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. भारत द्वारा काबुल स्थित भारतीय दूतावास से 17 अगस्त को अपने सभी कर्मियों को वापस लाए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मिशन को ‘‘कठिन और जटिल’’ कवायद करार दिया था.
भारत ने अभियान को नाम दिया “ऑपरेशन देवी शक्ति”
भारत सरकार ने अफगानिस्तान से नागरिकों को निकालने के अभियान को “ऑपरेशन देवी शक्ति” दिया है. इस अभियान के नाम का पता तब चला जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को 78 लोगों के भारत आने पर इसका जिक्र किया. जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा, “ऑपरेशन देवी शक्ति जारी है. काबुल से दुशांबे के जरिए 78 लोग पहुंचे हैं. भारतीय वायुसेना, एयर इंडिया और टीम विदेश मंत्रालय को उनके बिना थके प्रयासों के लिए सलाम.”
तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग काबुल एयरपोर्ट पर जमा हो रहे हैं और देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. भारत तीन उड़ानों के जरिए 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया था. इससे पहले, 16 अगस्त को 40 से अधिक लोगों को स्वदेश लाया गया था जिनमें से ज्यादातर भारतीय दूतावास के कर्मी थे. काबुल से दूसरे विमान से 150 लोगों को लाया गया, जिनमें भारतीय राजनयिक, अधिकारी, सुरक्षा अधिकारी और कुछ अन्य भारतीय थे, जिन्हें 17 अगस्त को लाया गया था.