सोशल मीडिया(Socia media) पर इन दिनों कुवैत का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल(viral video) हो रहा है. दरअसल, कुवैत के सुलैबिया क्षेत्र (Sulaibiya Area of Kuwait) में बने दुनिया के सबसे बड़े ‘टायरों के कब्रिस्तान’ (World’s Biggest Tyre Graveyard) में आग लग गई है. इसे रेतीली मिट्टी को खोदकर बनाया गया था. इस विशाल गड्डे में करीब 70 लाख टायर हैं. आग से उठ रहे धुएं को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. सैटेलाइट तस्वीरों में भी यह अग्निकांड रिकॉर्ड हुआ है.
सुलैबिया के इस टायर भंडार को ‘टायरों का सबसे बड़ा कब्रिस्तान’ कहा जाता है. माना जाता है कि ये टायर कुवैत और दूसरे देशों के हैं, जिन्होंने इन्हें ले जाने के लिए भुगतान किया है. डिस्पोजल की जिम्मेदारी चार कंपनियों को दी गई है. वहीं, आग लगने के बाद अब ऐसे दहनशील पदार्थों को एक ऐसे देश में जमा करने पर सवाल उठ रहे हैं, जहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है.
वहीं, कुवैत की सरकार ने 30 सालों से जमा टायरों का डिस्पोजल शुरू कर दिया है. रिसाइकिल किए जाने वाले 95 फीसदी टायरों को हटाने की योजना है. बता दें कि इसके पहले भी आग लगने की ये घटना हो चुकी है. 2012 में कुवैत के एक दूसरे टायर डंप (Kuwaiti Tyre Dump) में आग लगने से 50 लाख टायर जल गए थे. टायरों को जलाने से हवा में कार्सिनोजेनिक डाइऑक्साइन्स (Carcinogenic Dioxins) निकलते हैं. ये प्रदूषक अस्थमा और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
Kuwait has the biggest tyre dump in the world. It is now on fire. pic.twitter.com/RsaqMnyJFC
— Extinction Rebellion Global (@ExtinctionR) August 6, 2021
ब्रिटेन (Britain) की बात करें तो यहां हर साल अनुमानित 486,000 टन टायर फेंके जाते हैं. लगभग सभी को रिसाइकिल या दोबारा इस्तेमाल किया जाता है. 1970 और 1980 के दशक में अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में डिस्कार्ड टायरों का इस्तेमाल करते एक कृत्रिम चट्टान (Artificial Reefs) बनाने का प्रयास किया गया था. हालांकि तूफान के दौरान टायरों के उखड़ जाने से वे पर्यावरण के लिए विनाशकारी साबित हो गए थे.