उत्तराखंड (Uttarakhand) में अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) मामले में एसआईटी ने पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को 3 दिनों की रिमांड पर ले लिया है. एसआईटी ने अभियुक्तों को रिमांड पर लेने के लिए कोटद्वार कोर्ट में अर्जी दी थी जिसके बाद कोर्ट ने 3 दिन के लिए पुलकित अंकित और सौरभ(Pulkit Ankit and Saurabh) की रिमांड मंजूर कर ली है.
23 सितम्बर को तीनों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया गया था जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया गया था. अब सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि अंकिता की हत्या के बाद मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (Pulkit Arya) ने अगली सुबह पटवारी से मुलाकात की थी. अब पटवारी भी जांच के दायरे में है. जांच में ये भी पता चला है की 14-15 सितंबर को अंकिता का दोस्त पुष्प रिजॉर्ट पर ही रुका था 16 सितंबर को वो वापस जम्मू लौट गया था.
हत्या की पूरी टाइमलाइन
सूत्रों के मुताबिक 18 सितंबर को अंकिता, पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ रिजॉर्ट से तकरीबन 8 बजे निकली थी. 8:30 बजे चिल्ला बैराज से चारों ने बैराज के बैरियर को पार किया था. 9 बजे बैराज से वापस सिर्फ तीन लोग लौटते हुए बैरियर पर दिखाई दिए.
अंकिता का मर्डर 9 बजे से 9:30 बजे के बीच 18 सितंबर को ही हुआ था. 18 सितंबर को अंकिता की लास्ट लोकेशन मौका- ए वारदात पर ही मिली उसके बाद उसका फोन ऑफ हो गया था. आरोपी पुलकित आर्य के फोन का लोकेशन भी घटनास्थल ही था. अंकिता के मर्डर के दूसरे दिन 19 सितंबर को सुबह आरोपी पुलकित इलाके के पटवारी वैभव से मिला था.
ये वही पटवारी है जिसके पास सबसे पहले अंकिता की गुमशुदगी की शिकायत की गई थी, पटवारी वैभव को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. 19 सितंबर की सुबह पटवारी से पुलकित की मुलाकात अब जांच के दायरे में है. जांच में ये भी पता चला है की 14-15 सितंबर को अंकिता का दोस्त पुष्प रिजॉर्ट पर ही रुका था 16 सितंबर को वो वापस जम्मू लौट गया था.
अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (post mortem report) में किसी तरह के यौन उत्पीड़न की बात सामने नहीं आई है, लेकिन डॉक्टरों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा है की सेक्सुअल असॉल्ट की पुष्टि के लिए स्वैब की जांच करवाई जाए.
सीएम धामी ने दिए हैं SIT जांच के आदेश
बता दें कि इस मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी. सीएम ने लोगों के गुस्से को देखते हुए कहा था कि मामले की एसआईटी जांच की जा रही है. निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी.’
सीएम धामी ने कहा था, मामले से संबंधित हर तथ्य जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिले, ये सुनिश्चित किया जाएगा.’ सीएम धामी के मुताबिक अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने.
उन्होंने कहा, ‘पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए माननीय न्यायालय से अनुरोध किया गया है.’ इसके साथ ही सीएम धामी ने पीड़ित अंकिता के परिवार के लिए 25 लाख रुपये के सरकारी मुआवजे का भी ऐलान भी किया था.
आरोपियों का केस नहीं लड़ेंगे वकील
एक दिन पहले ही वकीलों ने आरोपी पुलकित, अंकित और सौरभ का केस नहीं लड़ने का ऐलान किया था. इसका मतलब ये हुआ कि आरोपियों की तरफ से कोई वकील कोर्ट में पैरवी नहीं करेगा. वकीलों के इस फैसले की जानकारी कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत ने दी थी.
क्या है पूरा मामला
18 सितंबर को अंकिता भंडारी लापता हुई थी. वह ऋषिकेश के एक रिजॉर्ट में काम करती थी. यह रिजॉर्ट बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य का था. बाद में अंकिता की मौत की खबर आई. इस मामले में रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता की गिरफ्तारी हुई. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने झगड़े के बाद उसे धक्का दे दिया था जिसके बाद नहर में डूबने से उसकी मौत हो गई. उसकी लाश चिल्ला पावर हाउस के पास मिली थी.