निर्वाचन आयोग ( Election Commission) ने राजनीतिक दलों को नफरत फैलाने वाले भाषणों (Hate Speeches) को लेकर शनिवार को आगाह किया और कहा कि वह पांच राज्यों में पारदर्शी एवं निष्पक्ष विधानसभा चुनाव (Five State assembly polls 2022) सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) पर कड़ी निगरानी रख रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra) ने उत्तर प्रदेश (UP Election 2022), उत्तराखंड (Uttarakhand Election 2022), गोवा (Goa Election 2022), पंजाब (Punjab Election 2022) और मणिपुर (Manipur Election 2022) के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक नफरत भरे भाषणों और फर्जी खबरों में लिप्त न हों।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव का माहौल खराब न हो, इसके लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी नजर रखी जा रही है.’’ उनकी टिप्पणी हरिद्वार में एक धार्मिक सम्मेलन में नफरत वाले भाषणों को लेकर छिड़े उग्र विवाद की पृष्ठभूमि में आई है।
चंद्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर चुनाव प्रबंधन से संबंधित सभी समाचारों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई अप्रिय घटना या किसी कानून/नियम का उल्लंघन पाया जाता है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी. निगरानी की रिपोर्ट संबंधित सीईओ (मुख्य निर्वाचन अधिकारियों) को भी भेजी जाएगी।’’
आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग और पेड न्यूज के खतरे की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रमुख सोशल मीडिया मंच मार्च 2019 में उनके द्वारा तैयार की गई स्वैच्छिक आचार संहिता का पालन करने के लिए सहमत हुए हैं. चुनाव आयोग ने कहा, ‘‘ये इन चुनावों के साथ-साथ अन्य चुनावों में भी लागू होंगी।’’