पांच राज्यों में हो रहे चुनाव ने आम आदमी की सेविंग पर चलने वाली कैंची को रोक दिया है. दरअसल, बुधवार को सरकार ने एक अप्रैल 2021 से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया था. अचानक आज सुबह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट करके जानकारी दी कि ब्याज दरों में कटौती का फैसला सरकार ने वापस ले लिया है.
कल घटा दी थी ब्याज दरें
बचत खातों में जमा राशि पर वार्षिक ब्याज को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया था। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर अब तक 7.1 फीसदी वार्षिक ब्याज को घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया था। एक साल के लिए जमा राशि पर तिमाही ब्याज दर को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी किया गया था। बुजुर्गों को बचत योजनाओं पर अब 7.4 फीसदी की जगह केवल 6.5 फीसदी तिमाही ब्याज देने की घोषणा की गई थी।
ये नई दरें लागू की गई थी, अब पुरानी दरों पर ही ब्याज मिलेगा
एक साल के लिए टर्म डिपॉजिट पर 5.5 फीसदी की जगह 4.4 फीसदी ब्याज, 2 साल के लिए जमा राशि पर अब 5.5 फीसदी की जगह 5 फीसदी, 3 साल के लिए जमा राशि पर 5.5 फीसदी की जगह 5.1 फीसदी, 5 साल के लिए जमा राशि पर 6.7 फीसदी की जगह 5.8 फीसदी ब्याज कर दिया गया था। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसदी की बजाय केवल 5.9 फीसदी ब्याज, किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी की जगह 6.4 फीसदी ब्याज और सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज दर को 7.6 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया था। अब पुरानी दरें जो 31 मार्च 2021 को थी, वहीं मानी जाएंगी।